संथाल हूल एक्सप्रेस
देवघर : अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा संचालित युग निर्माण योजना की विश्वव्यापी क्षृंखला में मधुपुर अनुमंडल अन्तर्गत कोलहोर ग्राम में श्रद्धा भक्ति के माहौल में पांच कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। यज्ञाचार्य उमाकान्त एवं पंडित सोहनजी के सानिध्य में वैदिक मंत्रों से गायत्री परिवार सदस्य तथा सनातनी हिंदू श्रद्धालुओं ने गुरु गायत्री तथा सर्वदेव पूजन किया। उपस्थित धर्म प्रेमियों ने गायत्री महामंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, महाकाल गायत्री मंत्र, महाशक्ति गायत्री मंत्र से यज्ञ वेदी में प्रज्वलित अग्नि देव को आत्मकल्याण, ग्राम कल्याण तथा विश्व कल्याण के लिए आहूतियां समर्पित किया। यज्ञ-हवन के क्रम में व्यासपीठ आचार्य उमाकान्त ने गायत्री का शास्त्रीय विवेचन करते हुए कहा कि यज्ञ और गायत्री हमारी देवसंस्कृति के दो मूल आधार है।यज्ञ को भारतीय संस्कृति का पिता और गायत्री को माता कहा गया है। गायत्री महायज्ञ मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कामधेनु और कल्पतरु सदृश्य है। आवश्यकता है श्रद्धा और समर्पण का। गायत्री महामंत्र में शक्ति के अनन्त श्रोत विद्यमा है। हवन से मंत्र में प्राण आते हैं,जप से मंत्र जागृत होता है तथा मंत्र लेखन से आत्मा में प्रकाशित होती है। दो दिवसीय गायत्री महायज्ञ का समापन सामूहिक वैदिक पाठ, आरती, पुष्पांजलि से संपन्न हुआ। पुनः आने के न्योता के साथ नम आंखें से टोली की विदाई की गई। आयोजन को सफल बनाने में मुख्य व्यवस्थापक रामानुज कुमार, अजीत कुमार राय, पुष्पा साह, किरण देवी, गुड़िया देवी, रिंकी देवी, रेखा देवी आदि दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ सक्रिय रहे।