AI की वजह से मांस नहीं खाते अरबपति ब्रायन जॉनसन — “भविष्य में इंसानों पर हावी हो सकता है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस”

✍️ | संथाल हूल एक्सप्रेस सेंट्रल डेस्क


लॉस एंजिलिस / न्यूयॉर्क, 11 अक्टूबर:
टेक्नोलॉजी और हेल्थ साइंस की दुनिया में चर्चित नाम, अमेरिकी अरबपति ब्रायन जॉनसन (Bryan Johnson) ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है जिसने सोशल मीडिया और वैज्ञानिक जगत में नई चर्चा छेड़ दी है।
ब्रायन जॉनसन — जो अपने 20 लाख डॉलर (लगभग 17 करोड़ रुपये) के एंटी-एजिंग एक्सपेरिमेंट “ब्लूप्रिंट प्रोजेक्ट (Blueprint Project)” के लिए जाने जाते हैं — ने खुलासा किया है कि वे अब मांस नहीं खाते, और इसका कारण है AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस।


???? ब्रायन जॉनसन का बयान: “AI हमें वैसे ही देखेगा जैसे हम जानवरों को देखते हैं”

ब्रायन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा —

“मैं मांस नहीं खाता दो कारणों से —
पहला, वैज्ञानिक प्रमाण बताते हैं कि इसके बिना भी स्वास्थ्य बेहतर रह सकता है।
दूसरा, बहुत जल्द AI उतना ही शक्तिशाली और प्रभावशाली हो जाएगा जितना हम जानवरों के लिए हैं। इसे ध्यान में रखना समझदारी है।”

उनका यह तर्क न केवल प्लांट-बेस्ड डाइट (Plant-based diet) के समर्थन में गया है, बल्कि AI की नैतिकता और भविष्य की संभावनाओं पर भी एक गंभीर प्रश्न उठाता है।


???? AI और नैतिक चेतना का सवाल

ब्रायन का मानना है कि जिस तरह इंसानों ने सदियों से जानवरों का उपयोग अपनी जरूरतों के लिए किया, आने वाले समय में AI इंसानों के साथ वैसा ही व्यवहार कर सकता है।
उन्होंने कहा कि यह बदलाव धीरे-धीरे होगा, लेकिन हमें पहले से ही संवेदनशील, नैतिक और आत्म-सचेत जीवनशैली अपनानी चाहिए।

यह विचार आज की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभाव पर गहन चिंतन प्रस्तुत करता है, जहाँ मशीनें न केवल निर्णय ले रही हैं बल्कि भावनाओं और चेतना की दिशा में भी प्रगति कर रही हैं।


???? स्वास्थ्य और विज्ञान के अनुसार पौष्टिक विकल्प

ब्रायन जॉनसन लंबे समय से वेगन (Vegan) जीवनशैली अपना चुके हैं।
उनके अनुसार —

“साग-सब्जियों, अनाज, फल और दालों से शरीर को सभी जरूरी प्रोटीन और पोषक तत्व मिल सकते हैं।”

वैज्ञानिक शोध भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्लांट-बेस्ड डाइट हृदय रोग, मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों के खतरे को कम करती है।


???? भविष्य की सोच: तकनीक के साथ नैतिक संतुलन

ब्रायन का यह कदम केवल खानपान से जुड़ा निर्णय नहीं, बल्कि तकनीक और इंसानियत के बीच नैतिक संतुलन का प्रतीक है।
वे मानते हैं कि जैसे-जैसे AI आगे बढ़ेगा, हमें यह तय करना होगा कि मानवता और करुणा को किस तरह संरक्षित रखा जाए।

उनका यह संदेश आधुनिक युग के हर व्यक्ति के लिए एक सोचने योग्य विषय है —

“भविष्य की तकनीक के साथ जीने के लिए, हमें पहले इंसान बनकर जीना सीखना होगा।”

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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