पाकुड़। जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना का लाभ सीमित संख्या में परिवारों तक ही पहुँच पाया है, जबकि बड़ी संख्या में आदिवासी परिवार आज भी टूटे-फूटे मिट्टी के घरों में जीवन यापन को मजबूर हैं। हिरणपुर, लिट्टीपाड़ा, पाकुड़िया और आमड़ापाड़ा प्रखंडों के माल पहाड़िया और सौरिया पहाड़िया समुदाय के लोगों को कई गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यह समुदाय सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं, शिक्षा के अभाव और उच्च मृत्यु दर जैसी कठिनाइयों से जूझ रहा है।
हिरणपुर प्रखंड के धनगड़ी गांव के निवासी गांदे पहाड़िया ने बताया हमारे गांव में 50-55 परिवार रहते हैं, लेकिन केवल 10-12 परिवारों को ही आवास योजना का लाभ मिल पाया है। शेष परिवारों को अभी भी कच्चे और टूटे-फूटे घरों में रहना पड़ रहा है। इन समुदायों के लोगों का मुख्य आजीविका स्रोत झूम खेती और वन उत्पादों का संग्रहण है। कुछ परिवारों में 7-10 सदस्य एक ही कमरे में रहने को मजबूर हैं, जो उनके जीवन स्तर की कठिनाइयों को दर्शाता है। स्थानीय प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप की उम्मीद की जा रही है ताकि इन वंचित आदिवासी परिवारों तक आवास योजनाओं का लाभ पहुँच सके और उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके।
