“रामायण” के अमर रचयिता महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती पर नमन

संथाल हूल एक्सप्रेस (हिंदी दैनिक) का विशेष लेख

साहिबगंज, 7 अक्टूबर:
भारतीय संस्कृति, साहित्य और अध्यात्म के महान प्रतीक महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती पर आज पूरे देश में श्रद्धा और आदर के साथ कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
संथाल हूल एक्सप्रेस (हिंदी दैनिक) ने इस अवसर पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा —

“महर्षि वाल्मीकि केवल कवि नहीं, बल्कि भारतीय चेतना के पहले समाज सुधारक और आदिकवि के रूप में अमर हैं।”


???? ‘रामायण’ — मानवता और धर्म का सनातन ग्रंथ

महर्षि वाल्मीकि जी को आदिकवि (पहले कवि) कहा जाता है क्योंकि उन्होंने संसार का पहला महाकाव्य ‘रामायण’ की रचना की — जो न केवल धार्मिक ग्रंथ है बल्कि आदर्श जीवन, नीति, करुणा और सत्य का प्रतीक भी है।
वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में भगवान श्रीराम के जीवन के माध्यम से बताया गया है कि धर्म, कर्तव्य और मर्यादा ही मानव जीवन के सर्वोच्च मूल्य हैं।


???? अज्ञान से ज्ञान की यात्रा

महर्षि वाल्मीकि जी का जीवन स्वयं परिवर्तन और आत्मज्ञान की गाथा है।
कहा जाता है कि वे एक समय तक लूटपाट करने वाले रत्नाकर नामक व्यक्ति थे, लेकिन आत्मबोध और नारद मुनि के उपदेशों से उनमें ऐसा परिवर्तन आया कि वे महर्षि वाल्मीकि कहलाए — जिन्होंने स्वयं को पूर्ण रूप से ज्ञान और सृजन के मार्ग पर समर्पित कर दिया।
उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि संस्कार, साधना और सच्चे मार्गदर्शन से कोई भी व्यक्ति महानता प्राप्त कर सकता है।


✍️ भारतीय साहित्य के शिल्पकार

वाल्मीकि जी की रचनाओं ने न केवल संस्कृत साहित्य को स्वरूप दिया, बल्कि उन्होंने भारत की सांस्कृतिक आत्मा को शब्दों में ढाला।
उनके श्लोक — “मा निषाद प्रतिष्ठां त्वमगमः शाश्वतीः समाः” — से काव्य का प्रारंभ हुआ, और यही कारण है कि उन्हें “आदिकवि” कहा गया।

“महर्षि वाल्मीकि जी की वाणी आज भी हर भारतीय के भीतर सत्य, प्रेम और कर्तव्य की ज्योति जलाती है।
उनकी शिक्षा हमें यह सिखाती है कि सच्ची साधना वही है जो समाज और मानवता के कल्याण में समर्पित हो।”

देशभर में आज रामायण पाठ, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और विचार गोष्ठियों के माध्यम से महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती मनाई जा रही है।
उनका जीवन और साहित्य हमें सदैव यह प्रेरणा देता रहेगा कि सच्चा कवि वही है जो समाज के हृदय की धड़कन सुन सके।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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