विभावि की स्ववित्त पोषित विभागों के निदेशकों के साथ कुलपति ने की बैठक

नामांकन में एक भी स्थान रिक्त नहीं रखें : कुलपति

स्ववित्त पोषित विभागों के लिए विश्वविद्यालय बनाएगा नियमावली

संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता

हजारीबाग : विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में शुक्रवार को व्यवसायिक पाठ्यक्रम संचालित करने वाले स्ववित्त पोषित विभागों के निदेशकों एवं यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज के प्राचार्य के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। लगभग तीन घंटे तक चलने वाले इस मैराथन बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर चंद्र भूषण शर्मा ने की। बैठक में सबसे पहले परिचय सत्र का आयोजन किया गया। बैठक की खास बात यह रही कि कुलपति ने बारी बारी से प्रत्येक विभाग की समस्याओं को समझना चाहा। उन्होंने धैर्यपूर्वक प्रत्येक निदेशक की बात को सुना। सभी को सुनने के बाद कुलपति ने समस्याओं को कैसे दूर किया जाए इस संबंध में भी सबसे विचार आमंत्रित किया। सबको आश्वस्त किया कि सभी समस्याओं का निदान शीघ्र कर लिया जाएगा। नामांकन में स्थान रिक्त रह जाने के विषय को कुलपति ने गंभीरता से लिया। उन्होंने इसके कारण को जानना चाहा। इस पर निर्देशकों ने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाना तथा गेस्ट फैकल्टी की प्रक्रिया की जटिलता के कारण मुख्य रूप से यह स्थिति उत्पन्न हुई है। वेतन में एकरूपता का अभाव तथा अनियमित वेतन वृद्धि के बिंदु के प्रति भी कुलपति का ध्यान आकृष्ट कराया गया।कुछ निर्देशकों ने कुलपति को यह भी बताया की इन्हीं पाठ्यक्रमों में निजी संस्थानों में नामांकन बढ़ रहे हैं जबकि विश्वविद्यालय के विभागों में नामांकन प्रभावित हो रहे हैं। कुलपति ने इसका कारण को जानना चाहा। इसके बाद कुलपति प्रोफेसर चंद्र भूषण शर्मा ने बताया इन विभागों से जुड़े कई मामले न्यायालय मे हैं। इनमें से कुछ में न्यायालय के फैसले भी प्राप्त हुए हैं। इस बात की भी चर्चा हुई कि स्ववित्त पोषित विभागों में कुछ एनसीटीई तो कुछ एआईसीटीई तो कुछ बार काउंसिल आफ इंडिया तथा शेष यूजीसी के नियम परिनियम के तहत संचालित होते हैं। कुलपति ने तय किया कि चुकी सभी मामले विधि से संबंधित है अर्थात यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ रश्मि प्रधान उपरोक्त सारे नियंत्रित संस्थाओं के नियम परिनियम का अध्ययन करके विश्वविद्यालय के स्ववित्त पोषित विभागों के लिए एक परिनियम का प्रारूप तैयार करेगी। इसमें इन विभागों में कार्यरत शिक्षकों की नियुक्ति तथा इन्हीं विभागों के शिक्षकों के वेतन निर्धारण से संबंधित प्रस्ताव तैयार करने की बात सम्मिलित करने की बात भी कही गई। कुलपति ने सभी व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के स्ववित्त पोषित विभागों को पूर्ण नामांकन के लक्ष्य को प्राप्त करने का निर्देश दिया। बैठक में विश्वविद्यालय के वित्त सलाहकार अखिलेश शर्मा, कुलसचिव डॉ सादिक रज्जाक तथा वित्त पदाधिकारी सुरेंद्र कुशवाहा को भी आमंत्रित किया गया।

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