संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
खूंटी:झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा पिछले दिनों दसवीं परीक्षा 2025 के परिणाम घोषित किए गए। बता दे इस वर्ष कुल 91.71% छात्र-छात्राएं सफल रहे। प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी कई ऐसे विद्यार्थियों की कहानियाँ सामने आईं जिन्होंने मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद सफलता हासिल की। लेकिन इन सभी में एक नाम सबसे अलग और प्रेरणादायक बनकर उभरा गंगा उरांव।56 वर्षीय गंगा उरांव खूंटी जिले में रहते हैं और जिला शिक्षा पदाधिकारी (DSE) कार्यालय में दैनिक वेतनभोगी चपरासी के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने इस वर्ष कक्षा 10वीं की परीक्षा दी और 47.2 प्रतिशत अंक प्राप्त कर सफल हुए। यह केवल परीक्षा पास करने की बात नहीं है, बल्कि यह उनकी अदम्य इच्छाशक्ति, आत्म-विश्वास और शिक्षा के प्रति समर्पण की कहानी है।
शिक्षा के प्रति काफी जुनून देखने को मिला
गंगा उरांव ने बताया कि वे हमेशा से पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों और आर्थिक तंगी के कारण उन्हें जल्दी ही काम में लगना पड़ा। उन्होंने बताया छोटी उम्र में स्कूल छोड़ना पड़ा था। लेकिन दिल में हमेशा यह कसक रही कि पढ़ाई पूरी करूं। जब बच्चों को स्कूल जाते देखता था, तो लगता था कि काश मैं भी पढ़ पाता।
अपने इसी सपने को फिर से जीने के लिए उन्होंने हिम्मत जुटाई और साल 2024 में मैट्रिक की परीक्षा में बैठने का निर्णय लिया। काम के बाद देर रात तक पढ़ाई करना, किताबों से जूझना और हर विषय को समझने की कोशिश करना उनके लिए आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
कार्यालय और समाज से मिला पूरा सहयोग
डीएसई कार्यालय के सहकर्मियों ने भी गंगा उरांव के इस फैसले की सराहना की और हर संभव मदद दी। कई शिक्षक और कर्मचारी उन्हें पढ़ाई में गाइड करते रहे। उनके जुनून को देखकर सभी प्रभावित हुए।
आगे की योजना के विषय में जानकारी दी
गंगा उरांव की यह सफलता सिर्फ यहीं नहीं रुकेगी। अब वे इंटरमीडिएट (12वीं) की पढ़ाई की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती। मैं चाहता हूँ कि मेरी कहानी से दूसरे लोग भी प्रेरित हों, खासकर वो लोग जिन्होंने किसी कारण से पढ़ाई बीच में छोड़ दी हो
