संथाल हूल एक्सप्रेस डेस्क
रांची। देश की सुरक्षा तैयारियों को लेकर केंद्र सरकार एक बार फिर सतर्क और सक्रिय हो गई है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है। 7 मई को शाम 7 बजे देशभर के 259 जिलों में एक साथ मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें युद्ध जैसी आपात स्थिति का अभ्यास किया जाएगा। झारखंड के रांची, जमशेदपुर, गोड्डा, साहिबगंज, गोमिया और बोकारो जैसे जिलों को इस मॉक ड्रिल में शामिल किया गया है।
क्यों हो रही है मॉक ड्रिल?
यह मॉक ड्रिल केंद्र सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है, जो युद्ध या आतंकी हमले जैसी स्थिति में आम जनता की तैयारियों और एजेंसियों के समन्वय को परखने के लिए बनाई गई है। खासकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की पृष्ठभूमि में यह अभ्यास और भी अहम हो गया है। इस ड्रिल के जरिए नागरिकों को जागरूक करना, सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों को परखना और संकट की घड़ी में संयम व सतर्कता बनाए रखने का संदेश देना मुख्य उद्देश्य है।
क्या होगा इस मॉक ड्रिल में?
- शाम 7 बजे देशभर में सायरन बजेगा।
- इसके तुरंत बाद सभी नागरिकों को अपने-अपने स्थानों पर लाइटें बंद करनी होंगी — घरों, दुकानों, फैक्ट्रियों, सड़कों की स्ट्रीट लाइट तक।
- ब्लैकआउट की स्थिति में सुरक्षा एजेंसियां मान लेंगी कि दुश्मन ने हवाई या ड्रोन हमला किया है और वे तदनुसार अपनी प्रतिक्रिया की रणनीति पर काम करेंगी।
- स्कूलों, कॉलेजों और आम नागरिकों को आत्म-सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जाएगी।
- संवेदनशील प्रतिष्ठानों को सुरक्षित करने और बुनियादी ढांचे की रक्षा के उपाय किए जाएंगे।
- सुरक्षित निकासी की योजनाओं का पूर्वाभ्यास भी होगा।
कब और क्यों है यह जरूरी?
भारत में इस तरह की मॉक ड्रिल का आयोजन अंतिम बार 1971 के युद्ध के समय किया गया था। अब करीब पांच दशक बाद ऐसी कवायद की जा रही है, जो देश के समग्र सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से ड्रिल की विस्तृत योजना पहले से बनाने और संबंधित एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय स्तर पर क्या तैयारियां हैं?
झारखंड के इन संवेदनशील जिलों में जिला प्रशासन, पुलिस और नागरिक सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियां युद्ध जैसी स्थिति में नागरिकों की भूमिका को समझाने और उन्हें प्रशिक्षित करने में जुटी हैं। एसपी, डीसी, एसएसपी स्तर के अधिकारी ड्रिल की तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और जनता को भी सूचित किया जा रहा है।
7 मई को शाम 7 बजे होने जा रही यह मॉक ड्रिल देश की सुरक्षा तैयारियों का प्रतीक है। यह केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि एक संदेश है — कि हम सजग हैं, संगठित हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने को पूरी तरह तैयार हैं।





