500 से अधिक हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से करना पड़ा पलायन

बंगाल हिंसा पर विश्व हिन्दू परिषद का आक्रोश

प्रदर्शन के साथ जिला अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

भीड़ ने हिंदुओं के 200 से अधिक घरों और व्यावसायिक दुकानों को लूटकर जलाया : संजीव कुमार गोराई

संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता

दुमका : विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल, जिला दुमका के द्वारा पश्चिम बंगाल हिंसा पर आक्रोश प्रदर्शन एवं महामहिम राष्ट्रपति को जिला अधिकारी के माध्यम से शनिवार को ज्ञापन दिया गया। जिला अध्यक्ष संजीव कुमार गोराई ने कहा कि वक्फ कानून के विरोध की आड़ में संपूर्ण बंगाल को जिस प्रकार हिंसा की आग में जलाया जा रहा है। हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को निर्बाध रूप से अपने षडयंत्रों को क्रियान्वित करने की खुली छूट दी जा रही है। उससे स्पष्ट लगता है कि बंगाल की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। मुर्शिदाबाद से प्रारम्भ हुई यह भीषण हिंसा अब संपूर्ण बंगाल में फैलती हुई दिखाई दे रही है। शासकीय तंत्र दंगाइयों के सामने केवल निष्क्रिय ही नहीं अपितु कई स्थानों पर इनका सहायक या प्रेरक बन गया है। इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए। केंद्र सरकार को प्रशासन का नियंत्रण व संचालन अपने हाथ में लेकर राष्ट्र विरोधी व हिंदू विरोधी तत्वों को उनके कुकर्मों के लिए कठोरता सजा दिलवानी चाहिए। बताया कि मुस्लिम भीड़ द्वारा 11 अप्रैल, 2025 को वक्फ कानून के विरोध के नाम पर किया गया हिंसक प्रदर्शन कानून बनाने वाली सरकार के विरोध में नहीं अपितु हिंदुओं पर हिंसक आक्रमण इसका स्पष्ट अर्थ है कि वक्फ तो केवल बहाना था, असली उद्देश्य मुर्शिदाबाद को हिंदू शून्य बनाना था। इस उन्मादी जिहादी भीड़ ने हिंदुओं के 200 से अधिक घरों और व्यावसायिक दुकानों को लूटकर जलाया। सैकड़ो हिंदुओं को बुरी तरह घायल किया व तीन नागरिकों की निर्मम हत्या की गई। दर्जनों महिलाओं के शीलभंग भी किए गए। परिणाम स्वरूप 500 से अधिक हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा। अध्यक्ष ने आगे कहा कि उनके पास जाकर उनकी चिंता एवं सहायता करने की अपेक्षा ममता बनर्जी दंगा भड़काने वाले इमामो से मिल रही है जिनमें से एक इमाम ने एक दिन पहले ही धमकी दी थी कि अगर ममता बनर्जी ने उनका साथ नहीं दिया तो वह उसकी औकात बता देंगे।अब ये सारे तथ्य सामने आने पर यह समाचार मिल रहा है कि ममता जी अब शरणार्थियों को सुविधा देने की जगह उनको वापस जेहादियों के सामने जबरन परोसने का षड्यंत्र कर रही है।आज की बंगाल की स्थिति से यह स्पष्ट है कि बंगाल में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आ चुकी है।बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को निर्बाध रूप से आने दिया जा रहा है। उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। पाकिस्तानी तथा बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की सक्रियता बढ़ती जा रही है।हिंदुओं के प्रति हिंसा बढ़ती जा रही है और न्यायालय के आदेश पर ही हिंदू त्योहारों को अनुमति मिल पाती है। उनको सुरक्षा देने वाले अर्धसैनिक बलों को निशाना बनाया जाता है। हिंदू का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है। तृणमूल के असामाजिक तत्व व जिहादी गुंडो के नियंत्रण व निर्देश पर ही प्रशासन काम करने के लिए विवश है। इस बाबत विश्व हिंदु परिषद द्वारा मांग कि गई कि बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। बंगाल की हिंसा की जांच एनआईए के द्वारा करवाई जाए और दोषियों को अविलंब दंडित किया जाए। बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में दिया जाए। बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित किया जाए। बंगाल व बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर तार लगाने का काम अविलंब प्रारंभ किया जाए जिसे ममता बनर्जी ने रोका हुआ था। आगे अध्यक्ष ने बताया हमें विश्वास है की राष्ट्र की सर्वभौंमिक्ता और साम्प्रदायिक सदभाव बनाये रखने के लिए राष्ट्रपति अभिलंब और त्वरित कार्यवाही करेंगी। इसमें विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के अधिकारी रिंकी कुमारी जिला उपाध्यक्ष, इंद्रदेव चौरसिया जिला सह मंत्री, राजू यादव जिला संयोजक, जयंत कुमार जिला सहसंयोजक, रंजीत वर्मा संपर्क प्रमुख, सकलदेव यादव गौरक्षा प्रमुख, सरोज कुमार जिला संगठन मंत्री एवं ललन कुमार जिला सह मंत्री एवं प्रणय सह समरसता प्रमुख अनेक बजरंग दल एवं विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे।

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