पाकुड़ के के एम कॉलेज में स्वच्छता का संकट: स्मार्ट कक्षाएं बनी धूल का भंडार

पाकुड़ नगर

सिद्धू कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के अंतर्गत आने वाले कुमार कालीदास मेमोरियल (के के एम) कॉलेज पाकुड़ में स्वच्छता की व्यवस्था में गंभीर कमी देखने को मिल रही है। महाविद्यालय की स्मार्ट कक्षाएं, जिन्हें आधुनिक शिक्षा का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है, अब धूल और गंदगी का अड््डा बन चुकी हैं। यह स्थिति न केवल छात्रों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि उनकी शिक्षा की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।

स्मार्ट कक्षाओं की स्थिति

स्मार्ट कक्षाओं का उद्देश्य छात्रों को डिजिटल सामग्री, इंटरेक्टिव डिस्प्ले और अनुकूलित शिक्षण के माध्यम से बेहतर शिक्षा प्रदान करना है। हालांकि, के के एम कॉलेज की वर्तमान सफाई व्यवस्था ने इस उद्देश्य को संदेह के घेरे में खड़ा कर दिया है। धूल और गंदगी के कारण छात्रों को डिजिटल सामग्री पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो रही है और इंटरैक्टिव डिस्प्ले के साथ जुड़ने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

छात्रों की शिकायतें

कॉलेज के विद्यार्थियों ने बताया कि कक्षाओं में नियमित रूप से सफाई की व्यवस्था नहीं की जा रही है। कई बार इसकी शिकायत करने के बावजूद, कॉलेज प्रशासन ने कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है। छात्रों का आरोप है कि सफाई कर्मचारियों और शिक्षकों की ओर से इस गंभीर मुद्दे पर लापरवाही बरती जा रही है।

स्वास्थ्य और शिक्षा पर खतरा

गंदगी का यह आलम केवल छात्रों की पढ़ाई में बाधा नहीं बन रहा, बल्कि उनके स्वास्थ्य को भी खतरे में डाल रहा है। कालीदास कॉलेज में सफाई का अभाव न केवल छात्रों के学习环境 को प्रभावित करता है, बल्कि यह शिक्षा के प्रति कॉलेज प्रशासन के उदासीन रवैये को भी स्पष्ट करता है।

अभिभावकों और स्थानीय नागरिकों की चिंताएं

स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों ने कॉलेज प्रशासन से अपील की है कि वे इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत ध्यान दें और स्वच्छता व्यवस्था को सुधारें। उनका मानना है कि एक स्वस्थ और अनुकूल माहौल में ही छात्रों को शिक्षा प्राप्त होनी चाहिए।

यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कॉलेज प्रशासन कब इस मुद्दे को संज्ञान में लेकर उचित कदम उठाता है। यदि स्थिति में जल्द सुधार नहीं किया गया, तो न केवल छात्रों का शैक्षिक भविष्य प्रभावित होगा, बल्कि कॉलेज की प्रतिष्ठा भी दांव पर होगी। सकारात्मक बदलाव के लिए संकल्पित कदम उठाना समय की मांग है, ताकि छात्रों को एक स्वस्थ, सुरक्षित और प्रभावी शिक्षण का वातावरण मिल सके।

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