संथाल हूल एक्सप्रेस की ओर से ग्रामीण महिलाओं को समर्पित श्रद्धांजलि और सम्मान
गाँवों की असली शक्ति वहाँ की महिलाएँ हैं — जो खेतों में अन्न उगाती हैं, घरों को सँभालती हैं और समाज की रीढ़ बनकर देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देती हैं।
इन्हीं महिलाओं के योगदान, संघर्ष और सशक्तिकरण को सम्मान देने के लिए हर साल ग्रामीण महिला दिवस (International Day of Rural Women) मनाया जाता है।
इस अवसर पर संथाल हूल एक्सप्रेस (हिंदी दैनिक) ने विशेष संदेश जारी करते हुए कहा —
“गाँव की शक्ति, ग्रामीण महिलाओं के हाथों में है। आइए, उन्हें मिलकर सशक्त बनाएं।”
ग्राम्य भारत की सशक्त पहचान
भारत की लगभग 70% महिलाएँ ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हैं। ये महिलाएँ कृषि, पशुपालन, शिक्षा, स्वच्छता और जल संरक्षण जैसे क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाती हैं।
फिर भी, कई बार उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसरों की कमी का सामना करना पड़ता है।
संथाल हूल एक्सप्रेस ने अपने संपादकीय में लिखा —
“ग्रामीण महिलाएँ केवल श्रमशक्ति नहीं, बल्कि परिवर्तन की धुरी हैं। उन्हें अवसर, शिक्षा और सम्मान देना ही सच्चे भारत के निर्माण की कुंजी है।”
ग्रामीण महिला दिवस का उद्देश्य
गाँव की महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना
शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देना
ग्रामीण क्षेत्रों में समान अधिकार और अवसर सुनिश्चित करना
नीति-निर्माण में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करना
संथाल हूल एक्सप्रेस ने यह भी अपील की कि पंचायतों, स्वयं सहायता समूहों, और स्थानीय संगठनों को मिलकर महिलाओं को नेतृत्व और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए।
संथाल हूल एक्सप्रेस का संदेश
जब गाँव की महिलाएँ आगे बढ़ती हैं, तो पूरा समाज प्रगति करता है। आइए, ग्रामीण महिला दिवस पर हम सब यह संकल्प लें — हर महिला को अवसर, सम्मान और समानता देने का।”