आज ईद मिलादुन्नबी है, झारखंड के कोने-कोने से अकीदत और एहतराम के साथ जुलूस निकाला जा रहा है।

मौलाना मुहम्मद कुतुबुद्दीन रिज़वी

रांची:- अंतर राष्ट्रीय उलेमा कॉंसिल भारत के संयुक्त सचिव और एदार ए शरीया झारखणड के नाजिमे आला प्रदेश महा सचिव मौलाना मुहम्मद कुतुबुद्दीन रिज़वी ने कहा है कि आज 5 सितंबर, 2025, 12 रबी-उल-अव्वल शरीफ 1447 हिजरी, शुक्रवार, बारहवीं शरीफ़ यानी ईद मिलादुन्नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) है, इस पावन और मुबारक मौके पर है, जब पूरी दुनिया पवित्र पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की यौमे वेलादत का जश्न मना रही है। वहीं झारखंड राज्य, रांची, रामगढ़, हज़ारीबाग़, कोडरमा, बरही, इचाक, बड़कागांव, घेरिया, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर, चाईबासा, मूसा बनी, खरसांव, मानगो, कपाली, बंदो, तमाड़, खूंटी, समडेगा, गुमला, लोहरदगा, लातेहार, डाल्टिनगंज, गढ़वा, चित्रा, गोला, बैतूल, मगनपुर, सेन्दिया, राजमहल, साहिबगंज, दुमका, गुड्डा, देवघर, मधुपुर, जामताड़ा, पकोर, बरहित, पालोजोरी, करमाटांड़, हंटरगंज, झरकी, गुमिया, नवादा, वासीपुर, झरिया, कतरास सहित राज्य के कोने-कोने में ईद मिलाद-उन-नबी (पीबीयूएच) का जुलूस बड़ी श्रद्धा , सम्मान और अकीदत के साथ निकाले जा रहे हैं। चास, भारा, बेरमो, दमरी, घोरथम्बा, भुरकंडा, पतरातू, चरही, मांडू, कंदार कलां, पांकी, बालूमाथ, चोपारण, मोरी और मांझी। जुलूस क्षेत्रीय जुलूस समितियों द्वारा निर्धारित समय और मार्ग से गुजरेगा और पैगंबर (PBUH) के चाहने वाले अपने आका मुहम्मद मुजतबा (PBUH) से प्रेम और विश्वास में डूब जाएंगे और नाते नबी, दुरूद पाक, सलाम मोहब्बत, नारे तकबीर और सलात, पैगंबर (PBUH) ककी आमद मरहबा, उपदेश,प्रेम और शांति के संदेश के साथ जुलूस में शामिल होंगे।
नाजिम-ए-आला मौलाना मुहम्मद कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा कि रबी-उल-अव्वल शरीफ की 12 तारीख को सुबहे सादिक में, 20 अप्रैल, 570 ईस्वी,दिन सोमवार, ब्रह्मांड के निर्माण का कारण, प्रलय के दिन के सिफ़ारिशकर्ता, पैगंबरों के इमाम, सभी दुनिया के मालिक, अल्लाह के प्यारे, अदृश्य के जानने वाले, पापियों के सिफ़ारिशकर्ता, अनाथों और गरीबों के अभिभावक , काबा का काबा, हज़रत अहमदे मुज्तबा मुहम्मद मुस्तफ़ा (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का जन्म सुखपूर्वक हुआ और इस मिट्टी के फर्श पर पवित्र पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) का आगमन अल्लाह तआला की ओर से एक ऐसी नेमत है जो सभी नेमतों से ऊपर और सर्वपरी है। इसीलिए अल्लाह ने ब्रह्मांड को इस महान नेमत को बड़े आनंद और उत्सव के साथ मनाने का आदेश दिया। चूँकि ईद मिलादुन्नबी दोनों ईदों में, बल्कि सभी ईदों में सर्वश्रेष्ठ और सबसे उत्कृष्ट है, इसलिए आइए हम सब मिलकर ईद मिलादुन्नबी का त्योहार मनाएं।
मौलाना रिज़वी ने कहा कि नमाज़, रोज़ा, हज, ज़कात, धरती, आकाश, सूरज, चाँद, तारे, पेड़, पत्थर, समुद्र, सागर, सूखा वित्र, धन, सम्मान, प्रसिद्धि, माता, पिता, भाई, बहन, दिल और बाकी सब कुछ मेरे आका हजरत मुहम्मद मुस्तफा (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के दान और सदके में प्राप्त हुवा है। तो क्यों न उनका जन्मदिन मनाया जाए? आइए बारहवीं शरीफ के पावन अवसर पर संकल्प लें कि हम अल्लाह और रसूल के आदेशों के अनुसार जीवन व्यतीत करेंगे, नबी के जन्मदिवस की खुशियाँ खुशी के साथ मनाएंगे, रोजे और नमाज़ के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे, सच्चे मुसलमान बनेंगे, आपसी भाईचारे को बढ़ावा देंगे, यतीमों, विधवाओं, गरीबों, मोहताजों और ज़रूरतमंदों की मदद करेंगे, धर्म और समाज का भेदभाव किए बिना अमन-चैन और प्रेम का संदेश फैलाएंगे, मज़लूमों की आवाज़ बनेंगे, मस्जिदों और मीनारों की रक्षा करेंगे, भारत को सोने की चिड़ियों बनाएं, देश को विकसित करेंगे, सभी के अधिकारों का ध्यान रखेंगे और अपनी अंतिम सांस तक, हम पूरी दुनिया के मालिक, अल्लाह के रसूल मुहम्मद मुस्तफा (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से खूब खूब प्रेम करेंगे। पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के प्रति असीम श्रद्धा और प्रेम रखें और उनके अच्छे उदाहरण पर चलते रहें।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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