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बच्चों में अच्छे संस्कार भी विकसित करें शिक्षक: डीसी

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प्रशास्त्र एप से दिव्यांग बच्चों की पहचान के लिए उन्मुखीकरण कार्यशाला

साहिबगंज।

जिले में दिव्यांग बच्चों की पहचान एवं उनके समुचित शैक्षिक सहयोग को लेकर एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन बुधवार को सिद्धो कान्हू सभागार में किया गया। कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन, समग्र शिक्षा अभियान एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यशाला की शुरुआत उपायुक्त हेमंत सती ने की। कार्यक्रम में जिले के सभी बीईईओ, बीपीओ, टीआरपी, सीआरपी, बीआरपी, रिसोर्स शिक्षक तथा अन्य मौजूद थे। इस दौरान प्रशास्त्र एप के माध्यम से दिव्यांग बच्चों की पहचान को लेकर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 को ध्यान में रखते हुए विद्यालय स्तर पर दिव्यांग बच्चों की प्रारंभिक पहचान को सरल, सटीक और मानकीकृत बनाना है। इसके लिए प्रशास्त्र एप एक प्रभावी उपकरण के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिससे शिक्षक दिव्यांग बच्चों की पहचान कर सकेंगे और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर चिकित्सकीय परीक्षण तथा शैक्षिक सहयोग दिला सकेंगे। उपायुक्त ने कहा कि शिक्षकों को न केवल शिक्षा देना है, बल्कि बच्चों में अच्छे संस्कार भी विकसित करना है। उन्होंने विद्यालयों में सकारात्मक, समावेशी और प्रेरणादायक वातावरण सृजित करने पर जोर दिया। उपायुक्त ने जिले के सभी बीआरपी व सीआरपी को निर्देशित किया कि वे अपने निर्धारित कार्य अतिरिक्त विद्यालयों में शिक्षण कार्य भी करें, ताकि जिले की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार हो सके। जिला शिक्षा अधीक्षक ने जिले में शिक्षा क्षेत्र से संबंधित चल रही योजनाओं, उनके क्रियान्वयन की प्रगति, और भावी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। कहा कि विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को समझते हुए शिक्षक उनके लिए विशेष शिक्षा योजना बनाएँ। कार्यशाला में प्रखंड प्रभारी शिक्षक तरुण कुमार घाटी, सच्चिदानंद मंडल, राजेश्वरी सिन्हा, कुणाल किशोर, एहसान अहमद, मनोहर मंगल, सुनील टुडू सहित सभी प्रखंडों के बीआरपी, सीआरपी, टीआरपी, रिसोर्स शिक्षक उपस्थित थे।

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