सौरभ राय
संथाल हूल एक्सप्रेस विशेष संवाददाता
रांची: राजधानी रांची के सिरमटोली स्थित फ्लाईओवर रैम्प को लेकर चल रही विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आदिवासी संगठनों के द्वारा लगातार विरोध जताया जा रहा है इसी क्रम में बुधवार को पुनः एक चरणबद्ध आंदोलन के तहत संपूर्ण झारखंड बंद बुलाया गया। बंद के दौरान राजधानी रांची में भी असर देखा गया लगभग 11 बजे के बाद काफी संख्या में बंद समर्थकों ने सड़को पर उतरकर आक्रोश व्यक्त किया। करमटोली चौक, जेल मोड़, फिरायालाल चौक समेत अन्य इलाकों टायर जलाकर प्रदर्शन किया गया।इस बीच टायर जलाकर पूरे चौक चौराहों में गाड़ियों का प्रवेश रोक दिया गया था हालांकि बंद समर्थकों के द्वारा इमरजेंसी जैसे एम्बुलेंस एवम मेडिकल से जुड़े लोगों को जाने दिया जा रहा था।

रैम्प जब तक नहीं हटेगा तब तक आंदोलन जारी रहेगी – देव कुमार धान
झारखंड बंद के बीच राजधानी रांची में बंद समर्थकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। पूर्व मंत्री देव कुमार धान ने रैम्प निर्माण का विरोध करते हुए कहा सिरमटोली सरना स्थल आदिवासी समाज के लिए विशेष आस्था का केंद्र है यहां धार्मिक एवम भावनात्मक तौर पर आदिवासी समुदाय का जुड़ाव है। ऐसे में रैम्प का निर्माण उचित नहीं है यह आस्था पर चोट है जब तक झारखंड सरकार रैम्प को नहीं हटाएगी तब तक आंदोलन जारी रहेगी।
अबूआ सरकार फेल हो चुकी है अब बबुआ लोग राज्य चला रहा है – प्रेम साही मुंडा
भारत आदिवासी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रेम साही मुंडा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संपूर्ण आदिवासी समाज अपने धार्मिक स्थल को बचाने के लिए सड़क में है लेकिन आदिवासी सरकार मौन हो चुकी है इन्हें समाज की मांग उचित नहीं लग रही। इतने दिन से आंदोलन की जा रही है लेकिन कोई ठोस कदम सरकार नहीं उठा रही है।इससे प्रति हो रहा है अबूआ राज अबूआ सरकार कहने वाली झारखंड सरकार फेल हो चुकी है अब बाहर से आए हुए बबुआ लोग राज्य चलाने का काम कर रहे हैं।
आदिवासी समाज विकास का बाधक नहीं है, विकास हो लेकिन आस्था से खिलवाड़ कर नहीं – रौशनी खलखो
राजधानी रांची के हर सड़क पर बंद समर्थकों के द्वारा टायर जलाकर रोड जाम किया गया था। इसी कड़ी में पूर्व पार्षद रौशनी खलखो ने राज्य सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की उन्होंने कहा जिस आदिवासी समाज ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सत्ता दिलवाई अब वहीं आदिवासी समाज को अपने मांगो के लिए सड़को पर उतरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा आदिवासी समाज कभी भी विकास का बाधक नहीं है लेकिन अगर धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाया जाएगा तो आदिवासी समाज चुप नहीं बैठेगा अपनी हक के लिए आदिवासी समाज संघर्ष करने के लिए तैयार है।
आदिवासी समाज एकजुट हो चुका है अब राज्य सरकार को समाज के पक्ष में निर्णय लेना होगा – सूरज टोप्पो
झारखंड बंद के दौरान रांची में आदिवासी समुदाय के लोग सड़को में नजर आए बता दे हर वर्ग के लोगों ने बंद को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। युवा वर्ग से लेकर महिलाएं मोर्चा संभाले हुई दिखी इसी बीच सूरज टोप्पो ने कहा अब संपूर्ण आदिवासी समाज एकजुट हो चुका है रांची ही नहीं बल्कि पूरे राज्य के आदिवासी समाज आक्रोशित हैं। उन्होंने कहा आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही झारखंड सरकार को अब आदिवासी समाज के भावनाओं को समझते हुए उनके पक्ष में निर्णय लेना होगा।
