सारंडा जंगल में फिर गूंजा धमाका — मादा हथिनी IED विस्फोट की शिकार, हालत नाजुक; तीन महीने में तीसरी घटना

संथाल हूल एक्सप्रेस डेस्क | चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम)

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल से एक बार फिर चिंताजनक खबर सामने आई है। मनोहरपुर प्रखंड के बांधटोली गांव के पास (कंपार्टमेंट संख्या-36) में एक मादा हथिनी गंभीर रूप से घायल मिली है। बताया जा रहा है कि हथिनी माओवादियों द्वारा बिछाए गए IED विस्फोट की चपेट में आई है।

घटना रविवार देर रात की बताई जा रही है, जिसका वीडियो सोमवार को सामने आया है। घायल हथिनी की उम्र 8 से 10 वर्ष के बीच बताई जा रही है। उसके अगले दाहिने पैर में गहरा घाव है और सभी उंगलियां क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।

वन विभाग को आशंका है कि यह तीसरी बार तीन महीनों के भीतर ऐसी घटना हुई है, जिससे वन्यजीव प्रेमियों और अधिकारियों में गहरी चिंता व्याप्त है।

???? वन विभाग की त्वरित कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची।
प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी डॉ. संजय घोलटकर ने मौके पर पहुंचकर हथिनी को उपचार दिया। उन्होंने केले में रखकर एंटीबायोटिक और सूजन कम करने की दवाएं दीं।

डॉ. घोलटकर के अनुसार —

“हथिनी का जख्म लगभग 6-7 दिन पुराना है और यह किसी अत्यधिक प्रभाव के कारण हुआ है।
IED विस्फोट की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।”

फिलहाल हथिनी की स्थिति गंभीर बताई जा रही है और वन विभाग उसकी लगातार निगरानी कर रहा है।

???? पहले भी दो हाथियों की गई थी जान

सारंडा जंगल में इससे पहले जुलाई महीने में दो हाथियों की मौत IED विस्फोट के कारण हुई थी।

5 जुलाई: एक घायल हाथी को ट्रेंक्युलाइज कर इलाज के लिए लाया गया, लेकिन इलाज शुरू होने के 40 मिनट के भीतर ही उसकी मौत हो गई।

9 जुलाई: एक अन्य हाथी की मौत इलाज शुरू होने के आधे घंटे में हो गई थी।

दोनों मामलों में जांच के बाद माओवादियों द्वारा लगाए गए IED को जिम्मेदार पाया गया था।

⚠️ लगातार तीसरी घटना से बढ़ी चिंता

सारंडा के घने जंगलों में लगातार इस तरह की घटनाएं वन्यजीवों के लिए खतरे का संकेत हैं।
वन विभाग और स्थानीय प्रशासन अब इलाके में सर्च ऑपरेशन और सुरक्षा जांच तेज कर रहा है।

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