प्रसिद्ध मेगालिथ स्थल में सुबह सुर्योदय का अद्भुत नजारा देखने जुटे लोग

बादल छाए रहने से नहीं देख पाने का रहा मलाल

संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता

हजारीबाग : जिले के बड़कागांव प्रखंड अंतर्गत पंकरी बरवाडीह गांव में हजारीबाग -बड़कागांव मुख्य सड़क किनारे स्थित राष्ट्रीय पर्यटक स्थल का दर्जा प्राप्त विश्व प्रसिद्ध मेगालिथ स्थल में 23 सितंबर व 21 मार्च को समदिवा रात्रि (इक्वोनोक्स) के दिन दो खडे़ पत्थरों के बीचों बीच से कुछ दूरी पर खड़े होकर सुर्य को करवट बदलने का अद्भुत व खुबसूरत नजारा देखा जाता है। जिसे इक्वोनोक्स प्वाइंट कहा जाता है। इस दिन सुर्य की किरणें बिषुवत रेखा पर शुन्य डिग्री पर पड़ती है इसके अगले दिन सुर्य की किरणें दक्षिण गोलार्ध में पड़ती है इसी तरह 21 मार्च के बाद उतरी गोलार्ध सुर्य की किरणें पड़ती है जिससे सुर्य का दक्षिणायन व उत्तराणायन में होता है । इस मौके पर स्थल के खोजकर्ता व शोधकर्ता सुभाषीश दास ने बताया कि पकरी बरवाडीह का मेगालिथ स्थल खगोलीय दृष्टिकोण से बनाया गया है इस स्थल में पत्थरों को सटीक गणितीय गणना के आधार पर गाड़ा गया है। जो अतिप्राचीन मानवों की उन्नत व समृद्ध ज्ञान एवं उनके अध्यात्म से जुडा है।कम्पास के माध्यम से देखेंगे तो स्पष्ट रूप से उतर व दक्षिण दिशा दिखाई देगा। इस दिन सुर्य के पारा गमन का अध्ययन करते थे और इस तरह का एक खुला वेधशाला उन लोगों ने बनाया।
जब कोई लिपी का आविष्कार नहीं हुआ था उस समय दिशा समय का पता लगाते थे। मान्यता है कि सुर्य पुर्व दिशा में उगता है लेकिन वास्तव में वर्ष में दो ही दिन 23 सितम्बर और 21 मार्च को सुर्य पूरब दिशा में उगता है बाकी के दिनों में दक्षिण पुर्व व उतर पुर्व में उगता है। ऐसा स्थल यहां ही नहीं बल्कि इंग्लैंड, युजिप्ट, जापान में भी बनाया गया है जहां भी लोग सुर्योदय का खुबसूरत नजारा देखने लोग जुटते हैं। वहीं इस खगोलीय घटना को देखने पहुंचे दूर दराज व आसपास के खगोल प्रेमियों, विद्यार्थियों ग्रामीणों को आसमान में बादल छाए रहने के कारण सुर्योदय का खुबसूरत नजारा नहीं देख पाने का मलाल रहा। लेकिन इस स्थल के खोजकर्ता से इसके विषय में पुछ कर जानकारी लेते रहे। वहीं मौके पर जिला में पदस्थापित रजिस्ट्रार, बड़कागांव इंस्पेक्टर ललित कुमार, बड़कागांव महिला थाना प्रभारी सावित्री कच्छप सेवानिवृत्त बैंक कर्मी लक्ष्मण उरांव, एसआई पी के सिंह, जीडीएम बालिका विद्यालय के शिक्षक राम-लखन महतो, ग्रामीण पिंटू कुमार साव, परमेश्वर कुमार, रामेश्वर साव, तिलेश्वर कुमार, खेमलाल साव सहित बड़ी संख्या में आसपास व दूर दराज के लोग व खगोल प्रेमी मौजूद थे।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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