कर्मचारी संकल्प महासम्मेलन में उमड़ी हजारों कर्मचारियों की भीड़, भीषण गर्मी में भी डटे रहे कर्मचारी

  • 24 जिलों से जत्थे में पहुंचे हुए थे कर्मचारी.
  • एमएसीपी, सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष,शिशु शिक्षण भत्ता पर रहा फोकस.

ऐतिहासिक रहा कर्मचारी संकल्प महासम्मेलन -दिलीप

रांची/देवघर : रांची जिला आज साक्षी बना राज्य के चौबीसों जिलों से आए हजारों कर्मचारी शिक्षकों एवं अधिकारियों के एक बहुत बड़े हुजूम का, जो जमा हुआ था स्थानीय जिला स्कूल के मैदान में। राज्य के सबसे बड़े महासंघ झारखंड ऑफिसर्स टीचर्स एवं एम्पलाइज फेडरेशन (झारोटेफ) के तत्वाधान में विशाल कर्मचारी संकल्प महासम्मेलन का आयोजन जिला स्कूल मैदान रांची में हुआ। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के तौर पर माननीय नगर एवं विकास मंत्री सूदीव्य कुमार एवं माननीय राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ तथा विशिष्ट अतिथि के तौर पर राज्यसभा सांसद महुआ माजी उपस्थित रहे। राज्य कर्मचारीयों ने वर्तमान सरकार को पेंशन बहाली के लिए धन्यवाद दिया एवं उपस्थित अतिथियों द्वारा नई पेंशन योजना की त्रासदी से निकल कर पुरानी पेंशन योजना में लौटे पेंशनधारियों को सम्मानित भी किया गया।

झारोटेफ ने कर्मचारियों को अभूतपूर्व से संगठित किया है इसका लाभ कर्मचारियों को मिलेगा – सूदिव्य कुमार

महासम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि आप सरकार की बाहें हैं,कदम हैं,ना सरकार आप से डरती है ना आप डरते हैं सरकारी कर्मचारियों के साथ जो बेहतर संबंध हमारे झारखंड में है वह कहीं नहीं है। सरकार आपकी मांगों पर संजिदा है आप आंख मूंद कर सरकार पर भरोसा कर सकते हैं ।
उन्होंने कहा कि आप सभी कर्मचारी झारखंड के बेटा-बेटी हैं, आपके हितों के लिए सरकार के अंदर के लोग आपकी पैरवी करते हैं।
उन्होंने कहा कि आप जिससे प्यार करते हैं उसपर भरोसा मत करिए भरोसा उसपर करिए जो आप से प्यार करते हैं। ऐसी है हमारी सरकार जो आप सभी से प्यार करते हैं। आप लोगों ने सरकार के साथ संबंध बेहतर बनाया है यह आपके संगठन की एकजुटता का ताकत है। झारोटेफ ने कर्मचारियों को संगठित किया है इसका लाभ कर्मचारियों को मिलेगा।
झारखंड का सबसे मजबूत संगठन झारोटेफ है आपकी एकता को सलाम करते हैं।

आप कर्मचारियों की समस्या का समाधान करेगी हेमंत सरकार -दिपक बिरूवा

वहीं मंत्री दिपक बिरूवा ने कहा कि संवाद से ही समस्या का समाधान संभव है। आपके संगठन का सरकार से संवाद करने और समर्थन लेने का तरीका अनोखा है। शिक्षकों को एमएसीपी, सेवानिवृत्ति आयु सीमा 62 साल एवं शिशु शिक्षण भत्ता के अलावा ईएल समेत अन्य मांगें सरकार के संज्ञान में है। विश्वास रखिए जो सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल किया, वृद्धों गरीबों के लिए सर्वजन पेंशन किया वह सरकार आपके अन्य समस्याओं का भी समाधान करेगी। संवाद ही समाधान है

सरकार सभी कर्मचारियों के समस्याओं का समाधान करेगी।

बहुत जल्द सरकार देगी तोहफा – महुआ

वहीं राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि सरकार ने मेरे सुझाव पर कला अकादमी, साहित्य अकादमी का तोहफा दिया उम्मीद रखिएगा आपलोगों को भी सरकार बहुत जल्द तोहफा देगी।
तेलंगाना से पहुंचे एनएमओपीएस के राष्ट्रीय महासचिव स्थित प्रज्ञा जी कहा कि आप सभी कर्मचारी सौभाग्यशाली हैं कि आप झारखंड से हैं और यहां के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी हैं। झारखंड सरकार कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
वहीं झारोटेफ के प्रांतीय अध्यक्ष विक्रांत सिंह ने कहा कि आप कर्मचारियों की एकजुटता से सरकार का भरोसा बढ़ा है। सरकार ने हमें पुरानी पेंशन का तोहफा दिया है वही सरकार एमएसीपी, सेवानिवृत्ति आयु 62 साल,शिशु शिक्षण भत्ता समेत अन्य मुद्दों का समाधान करेगी।
भीषण गर्मी में भी कार्यक्रम में शामिल होने के मुख्य अतिथि समेत झारखंड के कौन-कौन से पहुंचे कर्मचारियों को धन्यवाद दिया।
इन मांगों के समर्थन में कर्मचारियों ने किया महासंकल्प सम्मेलन
झारोटेफ के बैनर तले जिला स्कूल मैदान में आयोजित विशाल महासम्मेलन में सरकारी कर्मचारियों से संबंधित मुख्य मांगों में अन्य राज्य कर्मियों की भांति शिक्षक संवर्ग को भी एमएसीपी लाभ , राज्यकर्मियों की सेवानिवृत्ति की उम्र को 62 वर्ष , केन्द्रीय कर्मचारियों की भांति राज्य कर्मियों को शिशु शिक्षण भत्ता का लाभ प्रमुख था। इसके अलावा अन्य मांगों में राज्य कर्मियों की एनपीएस में जमा राशि को वापस लेने हेतु कदम उठायी जाए,राज्य प्रशासनिक सेवा के सीमित परीक्षा में समस्त राज्य कर्मियों को बैठने का अवसर दिया जाए, विभिन्न विभागों के सेवा नियमावलियों में किए जा रहे अलाभकारी संशोधनों को रोका जाए, बड़े शहरों की भांति छोटे शहरों/ ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापित कर्मियों को परिवहन भत्ता दिया जाए, 300 दिनों से अधिक अवकाश (ईएल) उपार्जित होने पर इसके उपभोग की स्वीकृति दी जाए, राज्य के सभी विभागों के लिपिक संवर्गों के लिए एक समान सेवा नियमावली लागू की जाए, योग्यताधारी चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को लिपिक संवर्ग में नियमित प्रोन्नति दिया जाए, संविदा/आउटसोर्सिंग नियुक्ति तथा निजीकरण की परिपाटी को समाप्त किया जाए शामिल है।
इस राज्य में कर्मचारी संगठनों के इतिहास में पहली बार ऐसा देखा जा रहा है कि कर्मचारी अधिकारी शिक्षक किसी प्रकार का कोई उग्र आंदोलन ना करते हुए सरकार के साथ संवाद और समन्वय मिलकर अपनी जायज मांगों की पूर्ति का प्रयास कर रही है। इस सब में देखने वाली बात यह भी थी कि न सिर्फ कर्मचारियों का रुख सरकार के प्रति काफी प्रेम से भरा था और उन्होंने अपनी बातों को विभिन्न वक्ताओं के माध्यम से बहुत तरीके से सरकार के समक्ष रखा बल्कि सरकार के प्रतिनिधियों ने भी हर बात पर गंभीरता पूर्व विचार करते हुए कर्मचारियों को सही समय पर उनके मांगों की पूर्ति का आश्वासन भी दिया और यह भी कहा कि वह प्रयास करेंगे कि जल्द ही सरकार इस दिशा में विचार करें और आपकी मांगे भी समय से पूरी हो।
इस कार्यक्रम में न सिर्फ बल्कि कई अन्य विभागों के कर्मचारी खासकर पुलिस मेंस एसोसिएशन तथा पुलिस एसोसिएशन इनके साथ समाहरणालय सेवा, पशुपालन सेवा, सहकारिता सेवा, कृषि सेवा, आशुलिपिक, अराजपत्रित कर्मचारी, आईटीआई प्रशिक्षण अधिकारी जैसे तकरीबन 26 विभागों के कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने शिरकत की। यह पहला ऐसा मौका है जब शिक्षक संवर्ग में भी प्राथमिक, माध्यमिक, प्लस टू शिक्षक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कल्याण विद्यालय, इन सभी के शिक्षक एक ही मंच पर उपस्थित हुए हैं।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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