रांची। झारखंड में अब बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर शिकंजा कसना तय है। झारखंड हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने ‘झारखंड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली’ में संशोधन करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में संचालित हर स्कूल को मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य होगा। शिक्षा विभाग के मुताबिक, नए प्रावधान लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत एक सशक्त मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है, ताकि कोई भी संस्थान बिना अनुमति के शिक्षा का व्यवसाय न कर सके। विभाग ने बताया कि शिक्षा पोर्टल में तकनीकी बदलाव किए जा रहे हैं, जो सितंबर तक पूरे होंगे। अक्टूबर से सभी स्कूलों के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू कर दी जाएगी। अब तक बड़ी संख्या में निजी स्कूल बिना मान्यता के संचालित हो रहे थे। वे बच्चों से फीस वसूल रहे थे, लेकिन कानूनी वैधता के दायरे में नहीं थे। सरकार का मानना है कि नियम लागू होने के बाद शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और बच्चों को बेहतर माहौल में पढ़ाई का अवसर मिलेगा। अधिकारियों का कहना है कि हाईकोर्ट के निर्देश और सरकार की सख्ती के बाद अब इन संस्थानों के पास दो ही विकल्प हैं— या तो मान्यता प्राप्त कर नियमों का पालन करें, अन्यथा संचालन बंद करना होगा।
