रांची संवाददाता / मनोज प्रसाद
झारखंड राज्य की ऊर्जा प्रणाली को स्वच्छ, सुरक्षित और सतत बनाने की दिशा में झारखंड सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। गुरुवार को योजना एवं विकास विभाग, झारखंड सरकार तथा Swaniti Initiatives के बीच ‘Energy Transition Readiness Index Framework’ के निर्माण हेतु एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया गया। यह कार्यक्रम नेपाल हाउस स्थित योजना भवन के सभागार में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में माननीय मंत्री, योजना एवं विकास विभाग, श्री राधाकृष्ण किशोर की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस मौके पर योजना एवं विकास विभाग के सचिव श्री मुकेश कुमार, विशेष सचिव श्री राजीव रंजन, संयुक्त सचिव श्री अनिलसन लकड़ा तथा Swaniti Initiatives की ट्रस्टी श्रीमती उमा भट्टाचार्य सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्रीमती उमा भट्टाचार्य ने विषय प्रवेश कराते हुए ‘एनर्जी ट्रांजिशन रेडिनेस इंडेक्स’ के महत्व पर प्रकाश डाला। वहीं सचिव मुकेश कुमार ने झारखंड की ऊर्जा आवश्यकताओं, कार्बन उत्सर्जन की वर्तमान स्थिति और भावी ऊर्जा रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह पहल न केवल राज्य के ऊर्जा प्रक्षेत्र को पर्यावरण अनुकूल बनाएगी, बल्कि सतत विकास लक्ष्य (SDG-7) की दिशा में भी एक ठोस प्रयास है।
राज्य बनेगा एशिया का पहला ‘Champion State’
इस एमओयू के तहत झारखंड पहला ऐसा राज्य बनेगा, जहाँ ‘Energy Transition Readiness Index’ तैयार किया जाएगा। विशेष बात यह है कि झारखंड न केवल देश में, बल्कि पूरे एशिया में ऐसा पहला राज्य (Champion State) होगा जो इस तरह के फ्रेमवर्क को लागू करेगा।
कोयला आधारित ऊर्जा की चुनौतियों पर चिंता जताई—-
अपने संबोधन में माननीय मंत्री श्री राधाकृष्ण किशोर ने राज्य में कोयला आधारित विद्युत उत्पादन के दीर्घकालिक दुष्प्रभावों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से हटकर स्वच्छ और सुरक्षित ऊर्जा विकल्पों की ओर बढ़ें। उन्होंने इस ऐतिहासिक पहल के लिए योजना सचिव को साधुवाद देते हुए कहा कि योजना एवं विकास विभाग ‘मदर ऑफ ऑल डिपार्टमेंट्स’ है और ऐसे नवाचार राज्य के समग्र विकास में सहायक होंगे।
समावेशी विकास की ओर अग्रसर झारखंड
कार्यक्रम के अंत में योजना एवं विकास विभाग की ओर से संयुक्त सचिव श्री अनिलसन लकड़ा तथा Swaniti Initiatives की ओर से श्रीमती उमा भट्टाचार्य ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस पहल से राज्य में ऊर्जा क्षेत्र में समावेशी, टिकाऊ और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संतुलित विकास की नई शुरुआत होगी।
झारखंड सरकार की यह पहल न केवल ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देगी, बल्कि आने वाले वर्षों में अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत करेगी।