संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
हजारीबाग : बड़कागांव प्रखंड व केरेडारी प्रखंड में दो माह से बिजली की आंख मिचौनी जारी है। बिजली कब आती है कब चली जाती है इसका कोई ठौर ठिकाना नहीं रहता है। बिजली की आंख मिचौनी के कारण लोग इनवर्टर भी चार्ज तथा टंकी में पानी नहीं भर पा रहे हैं इस कारण लोगों को अंधेरे में भी बिताना पड़ रहा है। 3 जून को 12 घंटे तक बिजली नहीं थी तथा 4 जून को भी बिजली आधे एक घंटा के लिए आई थी, इसके बाद कई घंटे तक बिजली गायब रही। इस संबंध मे समाजसेवी मनोज गुप्ता का कहना है कि बड़कागांव प्रखंड में 24 घंटे की जगह आधा या एक घंटे ही बिजली मिल पाती है। बड़कागांव के चंदर साव तथा पिंटू गुप्ता का कहना है कि बड़कागांव में 480 रुपए सारे बिल वसूला जाता है लेकिन शहर की तरह बिजली नहीं मिलती। ज्ञात हो कि बड़कागांव प्रखंड में विद्यार्थी वर्ग स्नातक परीक्षा एवं प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में बिजली नहीं रहने से परेशानी होती है। एक ओर किरासन तेल की किल्लत ही, वहीं दूसरी ओर बिजली कटने के कारण लोगों को मोमबत्ती के सहारे रात बितानी पड़ रही है। वहीं बिजली नहीं रहने के कारण कुटीर उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक दुकान, सिंचाई, विभिन्न घरों में फ्रिज, वाशिंग मशीन, टीवी, कंप्यूटर, इनवर्टर व मोबाइल की दुकानों सहित विद्यार्थियों का पठन-पाठन प्रभावित है। बड़कागांव प्रखंड में बिजली की आंख मिचौनी कोई नयी बात नहीं है। भारत के महारत्न कंपनी एनटीपीसी द्वारा बिजली उत्पादन करने को लेकर बड़कागांव से हर दिन करोड़ों रुपए की कोयले का निर्यात करती है। बड़कागांव का कोयले से देश के अधिकांश शहर जगमगा रहे हैं, लेकिन बड़कागांव चिराग तले अंधेरा में है। बड़कागांव सांसद प्रतिनिधि सह मुखिया संघ अध्यक्ष रंजीत कुमार, खेमलाल महतो, समाजसेवी जगतनंदन प्रसाद गुप्ता का कहना है कि बड़कागांव में बड़ा-बड़ा कोल खदान है। यहां के कोयला से बिजली उत्पादन होता है लेकिन हम लोग को बिजली नियमित नहीं मिली। कंपनी ने निशुल्क बिजली देने का वादा की थी लेकिन नहीं मिला। बिजली की समस्या को दूर करने के लिए बड़कागांव प्रखंड में दो विद्युत स्टेशन स्थापित किया गया। ग्रामीणों ने विद्युत सब स्टेशन के लिए जमीन भी दान दी, उस वक्त आशा जगी थी कि बिजली बड़कागांव को 24 घंटे मिलेगी। लेकिन यह आशा पानी फिरता नजर आया। यहां हरली एवं लगांतू (केरीगढ़ा) में विद्युत सब स्टेशन है।
