संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
गिरिडीह : आज समाहरणालय स्थित सभागार कक्ष में उपायुक्त, नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में जिला स्तरीय जन्म-मृत्यु निबंधन से संबंधित बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपायुक्त ने कहा कि जन्म और मृत्यु अधिनियम 1969, जन्म और मृत्यु का पंजीकरण (संशोधित) अधिनियम 2023, झारखण्ड जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली, 2009 तथा झारखण्ड जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2024 के तहत किया जाता है। वर्तमान में यह निबंधन प्रणाली ऑनलाईन है एवं इस कार्य हेतु ORGI नई दिल्ली के द्वारा विकसित पोर्टल dc.crsorgi.gov.in का उपयोग किया जाता है। जिला में घटित सभी जन्म एवं मृत्यु की घटनाओं का निबंधन करना अनिवार्य है। प्रत्येक जन्म एवं मृत्यु की घटनाओं का ससमय अर्थात् 21 दिनों के अन्दर निबंधन किया जाना है। घटना की तिथि से 21 दिनों के भीतर सूचना देने पर जन्म एवं मृत्यु का निबंधन निबंधक (जन्म-मृत्यु) द्वारा निःशुल्क किया जाता है। 21 दिनों से 30 दिनों तक की जन्म या मृत्यु की घटना की सूचना निबंधक को उपलब्ध कराने पर निबंधक द्वारा एक रूपया विलम्ब शुल्क लेकर निबंधन किया जाता है। 30 दिन के उपर एवं एक वर्ष तक घटनाओं का निबंधन जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के लिखित आदेश पर निबंधक द्वारा एक रूपया विलम्ब शुल्क लेकर निबंधक द्वारा किया जाता है। उपायुक्त सह जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु), गिरिडीह द्वारा बताया गया कि जन्म मृत्यु की घटना का निबंधन एक राष्ट्रीय महत्व का विषय है एवं इनका ससमय निबंधन अनिवार्य है। निबंधन संबंधी आंकडों का उपयोग सरकार द्वारा नीति निर्माण में किया जाता है। बैठक में उपायुक्त ने उपस्थित सभी अनुमंडल पदाधिकारी को निदेश दिया कि अपने क्षेत्रान्तर्गत सभी निबंधन इकाईयों में होने वाली प्रत्येक जन्म-मृत्यु घटना का ससमय निबंधन कराना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही अपने स्तर से सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, गिरिडीह जिला को निर्देशित करेंगे कि प्रत्येक साप्ताहिक प्रखण्ड स्तरीय बैठक में तथा प्रत्येक तीन माह में प्रखण्ड स्तरीय अन्तर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित कर बैठक की कार्यवाही प्रतिवेदन जिला सांख्यिकी कार्यालय, गिरिडीह के माध्यम से अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध करायेंगे। साथ ही सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि सभी पंचायतों में कार्यरत पंचायत सचिव सह रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) को अपने स्तर से निदेशित करेंगे कि प्रत्येक सोमवार को पंचायत सचिवालय सह जन्म मृत्यु निबंधन कार्यालय में उपस्थित रहकर जन्म मृत्यु निबंधन से संबंधित कार्य करेंगे। साथ ही प्रखण्ड सांख्यिकी पर्यवेक्षक एवं प्रखण्ड पंचायती राज पदाधिकारी को निदेशित करेंगे कि प्रत्येक माह कम-से-कम एक-एक निबंधन इकाई की जाँच कर जाँच प्रतिवेदन जिला सांख्यिकी कार्यालय, गिरिडीह को निश्चित रूप से उपलब्ध करायेंगे। साथ ही प्रत्येक जन्म-मृत्यु घटना का निबंधन ससमय करना सुनिश्चित करेंगे। जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि सभी सरकारी विद्यालयों में प्रथम प्रवेश पाने वाले बालक का जन्म प्रमाण पत्र की मांग अनिवार्य रूप से किया जाय तथा बालक का जन्म प्रमाण पत्र नहीं होने पर बालकों के अभिभावक से अनुरोध किया जाय कि वे अपने बालक का जन्म प्रमाण-पत्र स्थानीय रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) से प्राप्त कर लें। परन्तु यह अवश्य देखा जाय कि इसके चलते अनिवार्य तथा निःशुल्क प्राथमिक शिक्षा प्रसार कार्य को हानि नहीं पहुँचे। इसके अलावा कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत बड़की सरैया एवं धनवार तथा सहायक नगर आयुक्त, गिरिडीह नगर निगम को निदेश दिया गया कि उनके निबंधन क्षेत्र के सभी निजी / प्राईवेट अस्पतालों को सी० आर० एस० पोर्टल के साथ जोडना सुनिश्चित किया जाय ताकि निजी / प्राईवेट अस्पतालों में होने वाली प्रत्येक जन्म एवं मृत्यु की घटना का ससमय निबंधन किया जा सके। बैठक में निदेशक, डीआरडीए, सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।