संथाल हूल एक्सप्रेस डेस्क
आज देशभर में भारत के निर्भीक पत्रकार, स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक चेतना के प्रतीक श्री गणेश शंकर विद्यार्थी जी की जयंती मनाई जा रही है। विद्यार्थी जी भारतीय पत्रकारिता के उस दौर के प्रतिनिधि थे जब कलम का मतलब था — सत्य, संघर्ष और समाज के लिए समर्पण।
उन्होंने अपनी लेखनी से न केवल अन्याय, अत्याचार और कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई बल्कि गरीब, किसान और मजदूर वर्ग की समस्याओं को समाज के केंद्र में लाकर खड़ा किया।
✍️ जीवन परिचय और संघर्ष
श्री गणेश शंकर विद्यार्थी जी का जन्म 26 अक्टूबर 1890 को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में हुआ था। बचपन से ही उनमें न्याय और समाज सेवा की गहरी भावना थी। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा कानपुर में प्राप्त की और युवावस्था में ही स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए।
पत्रकारिता को उन्होंने केवल पेशा नहीं, बल्कि राष्ट्र सेवा का माध्यम बनाया। विद्यार्थी जी ने 1913 में ‘प्रताप’ नामक साप्ताहिक पत्र की स्थापना की, जो आगे चलकर स्वतंत्रता संग्राम का सशक्त हथियार बन गया।
🖋️ निडर पत्रकारिता का प्रतीक
विद्यार्थी जी ने अपने लेखों में ब्रिटिश शासन की अन्यायपूर्ण नीतियों की तीखी आलोचना की। उन्होंने समाज में फैली अंध-परंपराओं, जातिवाद, ऊँच-नीच और धार्मिक कट्टरता के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाया।
उनकी कलम ने सत्ता को झकझोर दिया, परंतु वे कभी अपने सिद्धांतों से पीछे नहीं हटे। कई बार जेल गए, लेकिन उनकी लेखनी की धार और तेज होती चली गई।
🌸 मानवता के लिए बलिदान
1931 में कानपुर में हुए साम्प्रदायिक दंगों के दौरान विद्यार्थी जी ने हिंदू-मुस्लिम एकता बनाए रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। वे न केवल एक पत्रकार थे, बल्कि मानवता के सच्चे प्रहरी थे जिन्होंने लोगों के बीच भाईचारा कायम रखने की मिसाल पेश की।
🌿 आज के पत्रकारों के लिए प्रेरणा
आज जब पत्रकारिता कई बार सत्ता और प्रभाव के दबाव में आती दिखती है, ऐसे समय में गणेश शंकर विद्यार्थी जी का जीवन हमें याद दिलाता है कि पत्रकारिता का असली धर्म “सत्य के पक्ष में खड़े रहना” है।
उनका जीवन आज भी नई पीढ़ी के पत्रकारों, लेखकों और समाजसेवियों के लिए एक प्रेरणादायी दीपस्तंभ है।
🙏 संथाल हूल एक्सप्रेस की श्रद्धांजलि
संथाल हूल एक्सप्रेस परिवार श्री गणेश शंकर विद्यार्थी जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन करता है और उनके विचारों से प्रेरणा लेते हुए यह संकल्प दोहराता है कि पत्रकारिता का उद्देश्य सदैव जनता की आवाज़ को बुलंद करना रहेगा।