संथाल हूल एक्सप्रेस डेस्क

रांची: रातु प्रखंड के दलादली चौक समीप बिरसा शिशु मंदिर विद्यालय सिमलिया में बृहस्पतिवार को दिन के 10:30 बजे से विज्ञान प्रदर्शनी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जो दो दिनों तक चला। प्रतियोगिता में सातवीं कक्षा से दसवीं कक्षा तक के बच्चे शामिल हुए। विज्ञान प्रदर्शनी प्रतियोगिता में प्रतिभागियों के द्वारा विभिन्न प्रकार की विज्ञान संबंधी उपयोग में आने वाली वस्तुओं का विद्यालय के बच्चों के द्वारा निर्मित विज्ञान प्रदर्शनी प्रतियोगिता में प्रदर्शित की गई। जिससे बच्चे काफी उत्साहित दिखे। बच्चों के अभिभावक भी इस तरह की प्रदर्शनी देख काफी प्रभावित हुए, और इच्छा जाहिर की कि इस तरह की प्रदर्शनी प्रतियोगिता प्रत्येक वर्ष आयोजित होती रहे। विद्यालय के प्राचार्य अभिषेक महतो जी ने कहा कि अपने विद्यालय में इस तरह की विज्ञान प्रदर्शनी मेला आयोजित कर मैं काफी उत्साहित हूं। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि उक्त विज्ञान प्रदर्शनी प्रतियोगिता में अधिक से अधिक बच्चे प्रतिभागी बने, जिससे बच्चों की प्रतिभा सामने आ सके। विद्यालय की ओर से अतिथियों को गुलदस्ता देकर, अंग वस्त्र के साथ मोमेंटो भेंट कर, तथा शिक्षिकाओं के द्वारा तिलक लगाकर सम्मानित किया गया। वहीं प्रतिभागी विजेताओं के बीच पुरस्कार वितरण की गई। जिसमे बाल मेला में शामिल प्रतिभागी करण इशांत को प्रथम, आयूष कैप्टन को द्वितीय तथा अंकुश कुमार को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। वहीं साइंस फेयर में शामिल प्रतिभागी अभिजीत गुप्ता को प्रथम, रोहन मिश्रा को द्वितीय तथा बिट्टू कुमार को तृतीय पुरस्कार दिया गया। वहीं 2024 –25 का जूनियर विंग एलकेजी से नैना कुमारी 100% तथा सीनियर विंग से केविन तिग्गा 95% लाकर स्कूल टॉपर रहे। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा फीता काटकर तथा दीप प्रज्वलित कर तथा सरस्वती वंदना कर किया गया। बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्र सेवा फाउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, भाजपा नेता राकेश चौधरी गणमान्य के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर अतिथियों ने बच्चों के विज्ञान प्रदर्शनी की निरीक्षण भी किया। तथा इस दौरान बच्चों को उत्साह वर्धन करते हुए अतिथियों ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता की आयोजन से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है तथा बच्चों की प्रतिभा सामने निकल कर आती है। उन्होंने कहा कि वर्षों पूर्व अपने भारतवर्ष में गुरुकुल का प्रचलन था जिसे अन्य देशों के विदेशी आक्रांताओं के द्वारा समाप्त कर दिया गया। आज फिर से भारतवर्ष में गुरुकुलम जैसे अन्य विद्यालय खोले जाने से आधुनिक शिक्षा पद्धति के साथ-साथ पौराणिक शिक्षा पद्धति की ओर अग्रसर होते देख हम लोग काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की आयोजन किए जाने के लिए विद्यालय के प्राचार्य अभिषेक महतो जी को कम संसाधन होने के बावजूद अपने अथक प्रयास से इस तरह की प्रदर्शनी प्रतियोगिता आयोजित किए जाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। ऐसे विद्यालय प्रबंधन के द्वारा इस तरह की विज्ञान प्रदर्शनी प्रतियोगिता, खेल के साथ अन्य प्रतियोगिताओं के कारण देश फिर से पौराणिक शिक्षा पद्धति की ओर अग्रसर होती दिख रही है। प्रतियोगिता को सफल बनाने में मुख्यरूप से शिक्षक दीपक महतो जी, शशिभूषण जी, प्रकाश प्रजापति जी,अनीता कुमारी, अमृता कुमारी, शांति कुमारी, उर्मिला कुमारी, पुष्पा कुमारी,सरिता कुमारी, जोशी मिंज एवं लिली कुमारी का अहम योगदान रहा।