बाबा साहेब ने पत्रकारिता के माध्यम से की वैचारिक क्रांति: प्रो. संजय द्विवेदी

भोपाल
क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (एनसीईआरटी) में भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर एक समारोह आयोजित किया गया, जिसमें भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने मुख्य अतिथि के रूप में विचार प्रस्तुत किए। समारोह की अध्यक्षता संस्थान के प्राचार्य, प्रोफेसर शिव कुमार गुप्ता ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल (MANIT) के सह प्राध्यापक डॉ. मनोज आर्य रहे।

प्रो. द्विवेदी ने बताया कि बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने सामाजिक परिवर्तन के लिए पत्रकारिता को एक सशक्त साधन बनाया। उन्होंने लगभग 36 वर्षों तक पत्रकारिता की साधना करते हुए वैचारिक क्रांति की ओर अग्रसर किया। उन्होंने उल्लेख किया कि बाबा साहब ने समाज सुधार और समानता के विचार को जनांदोलन में तब्दील कर दिया और ‘मूक समाज’ को उसकी शक्ति प्रदान की।

बाबा साहब की पत्रकारिता यात्रा ‘मूक नायक’ से शुरू होकर ‘प्रबुद्ध भारत’ तक फैली हुई है, जो उनकी वैचारिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण प्रमाण है। प्रो. द्विवेदी ने यह भी कहा कि उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी भारतीय भाषाओं में पत्रकारिता का चुनाव किया, क्योंकि उनका उद्देश्य सामान्य जनों का प्रबोधन करना था।

प्राचार्य प्रो. शिव कुमार गुप्ता ने चर्चा में कहा कि बाबासाहेब का योगदान समाज में समानता लाने में अतुलनीय है। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों आदित्य नायर और शिवांश पांडे ने बाबासाहेब के व्यक्तित्व और उनके कार्यों पर रौशनी डाली।

विशिष्ट अतिथि डॉ. मनोज आर्य ने बाबासाहेब के संघर्ष और समाज के प्रति उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसे सभी सेवा क्षेत्रों में मार्गदर्शन दिया है, जिनमें आज भी उनकी विचारधारा प्रासंगिक है। उन्होंने विदेशी शक्तियों से मिले प्रलोभनों को ठुकराकर राष्ट्रहित को सर्वोपरि माना।

कार्यक्रम का समापन मुख्य सलाहकार विद्यार्थी परिषद, डॉ. सौरभ कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर संस्थान के अधिष्ठाता, अन्य प्राध्यापक और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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