रांची/हजारीबाग | 6 जुलाई 2025: झारखंड की राजनीति एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की सख्त कार्रवाई के केंद्र में है। पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी बेटी, पूर्व विधायक अंबा प्रसाद, के आठ ठिकानों पर ED ने एक साथ छापेमारी की है। यह कार्रवाई अवैध रेत खनन, जबरन वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी जांच के सिलसिले में की गई है।
🔍 तीन जिलों में एक साथ छापेमारी: रांची, हजारीबाग, बड़कागांव
ED की टीमें शुक्रवार सुबह-सुबह ही हरकत में आ गईं। रांची, हजारीबाग और बड़कागांव में स्थित उनके आवास, कार्यालय, और करीबियों के ठिकानों पर छापे मारे गए। हर जगह केंद्रीय बलों की तैनाती के बीच कागजात, दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस खंगाले जा रहे हैं।
🧾 क्या है पूरा मामला?
सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की जा रही है। जांच एजेंसी को संदेह है कि:
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अवैध रेत खनन के जरिए करोड़ों रुपये की अपराधिक आय अर्जित की गई है।
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जबरन वसूली और भूमि कब्जा जैसी गतिविधियों के जरिए संपत्ति इकट्ठा की गई।
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इन पैसों को शेल कंपनियों, फर्जी खातों और रिश्तेदारों के माध्यम से वैध दिखाने की कोशिश की गई।
⚠️ पहले भी रहे हैं विवादों में योगेंद्र साव
पूर्व मंत्री योगेंद्र साव का नाम पहले भी बड़कागांव आंदोलन, पुलिस पर हमले और अन्य विवादित मामलों में आ चुका है। उनकी बेटी अंबा प्रसाद भी एक बार विधायक रह चुकी हैं और उन पर भी कई बार अवैध खनन को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे हैं।
🔴 राजनीतिक हलकों में हलचल, समर्थकों में हड़कंप
ईडी की इस कार्रवाई से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अंबा प्रसाद के समर्थकों का कहना है कि यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है, जबकि बीजेपी नेताओं ने इसे प्रशंसनीय कदम बताते हुए कहा कि अब “काले धन और रेत माफियाओं की कमर टूटेगी।”
🚨 ED की नजर अब किन पर?
सूत्रों की मानें तो ईडी अब इस केस से जुड़े बैंकों, ठेकेदारों, पंचायत प्रतिनिधियों और सरकारी बाबुओं के खातों की भी जांच कर रही है। जल्द ही कई अन्य गिरफ्तारियां और पूछताछ की जा सकती है।
