संथाल हुल एक्सप्रेस डेस्क रांची |
झारखंड नगर विकास विभाग द्वारा शहरी उपभोक्ताओं के बिजली बिल पर 5% अतिरिक्त सरचार्ज लगाने के प्रस्ताव के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है। भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अजय राय ने इस प्रस्ताव को “अमान्य, अनैतिक और अस्वीकार्य” करार दिया है।
जनता पर नया आर्थिक बोझ: अजय राय
अजय राय ने कहा कि झारखंड की शहरी जनता पहले से ही होल्डिंग टैक्स में भारी वृद्धि, ट्रैफिक चालानों के नाम पर जबरन वसूली, और महंगाई की मार झेल रही है। अब सरकार बिजली बिल पर अतिरिक्त सरचार्ज के जरिए जनता पर हर महीने 15 से 20 करोड़ रुपये की नई आर्थिक चोट करने जा रही है।
‘तुगलकी फरमान और लोकतंत्र का उल्लंघन’
राय ने इस प्रस्ताव को “तुगलकी फरमान” बताते हुए कहा, “यह निर्णय बिना जनता की राय लिए लागू करने की कोशिश हो रही है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सीधा उल्लंघन है।” उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर जनता की सहमति के बिना इस तरह का आर्थिक भार जबरन कैसे थोपा जा सकता है?
जनता से की आपत्ति दर्ज कराने की अपील
अजय राय ने आम जनता से अपील की है कि वे नगर विकास विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इस प्रस्ताव के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराएं। उन्होंने कहा कि, “अगर जनता समय रहते आपत्ति नहीं दर्ज कराएगी तो विभाग इसे जनता की मौन स्वीकृति मानकर लागू कर देगा।”
राजनीतिक तापमान चढ़ा
राज्य में विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर सरचार्ज प्रस्ताव लागू होता है तो आने वाले समय में शहरी क्षेत्रों में बड़ा जन आंदोलन खड़ा हो सकता है।
