हजारीबाग के ख्यातिपूर्ण रामनवमी जुलुस का दिखेगा अद्वितीय, अनुपम और ख़ुशगवार नजारा, लघु भारत का दिखेगा दिव्य झलक

सड़कों पर उतरेगा विशाल जनसैलाब, झांकियों के कतारबद्ध कारवां से शहर होगा गुलजार

जय श्री राम और बजरंगबली के नारे से गुंजायमान होगा वातावरण

संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता

हजारीबाग : साल 2025 की रामनवमी बेहद खास है। वर्तमान वर्ष महाकुंभ बीता है और भारत में विविधता में एकता के साथ लोगों ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर भारत की पौराणिक संस्कृति और सभ्यता को जीवंत किया है। रामेश्वरम, रामसेतु, रामनाथस्वामी मंदिर, अयोध्या धाम के सभी स्वरूपों का दर्शन एक साथ हजारीबाग में भगवान श्री राम के जन्मोत्सव के दौरान देखा जा सकता है। जब देश दुनिया में रामनवमी का समापन होता है तब हजारीबाग के रामभक्तों में यहां के इंटरनेशनल रामनवमी का खुमार पूरे उत्कर्ष में होता है। हजारीबाग की रामनवमी में जहां भगवान श्री राम का धैर्य कुशल नेतृत्व को देखा जा सकता है तो माता सीता के सादगी का अनुभव किया जा सकता है ठीक उसी तरह पवन पुत्र हनुमान के पराक्रम को हजारीबाग के राम भक्त साहसी बनकर 36 घंटे तक सड़कों पर लगातार जमें रहते हैं। भगवान श्री राम के विभिन्न अवतार हजारीबाग के धरा पर एक साथ झांकियां के माध्यम से प्रदर्शित होते है। यह प्रदर्शन हजारीबाग की इंटरनेशनल रामनवमी को बेहद बनाती है और संपूर्ण सनातन धर्म में हजारीबाग का राम जन्मोत्सव की महत्वाकांक्षा को लोगों के समक्ष प्रस्तुत करती है। वैसे तो इतिहास काफी पुरानी है जिसमें महावीर पताका के साथ भगवान श्री राम का जन्मोत्सव का आगाज़ हुआ था लेकिन आधुनिक दौर में भी सतयुग का पाठ हजारीबाग लोगों को पढ़ाता है और समकक्ष पालन करने की भी गुर सिखाता है। रामेश्वरम मंदिर का मनमोहक दृश्य, रामसेतु की अद्भुत प्राकृतिक दृश्य, रामनाथस्वामी मंदिर की प्रतिमा का झलक और अयोध्या धाम के भगवान श्री राम के माथे की ललाट पर चमकता सूर्य की रोशनी से हजारीबाग इंटरनेशनल रामनवमी प्रकाशित होती है और इन चारों धामों के अद्भुत छटा के कारण हजारीबाग के राम भक्त झांकियां के माध्यम से पराक्रम दिखाते हैं। पारंपरिक अस्त्र- शस्त्र कला- कौशल के जरिए तलवार भांजकर अपनी कुशलता को रामभक्त दिखाते हैं तो लाठियां के बलबूते से एक- दूसरे को सहारा देकर सुरक्षा प्रदान करते हैं। यूं तो संपूर्ण दुनिया में रामलला के जन्मोत्सव को खास तरीके से मनाया जाता है लेकिन झारखंड राज्य के रामभक्तों के शहर के नाम से मशहूर हजारीबाग में झंडा पर्व की फिजां निराली लगती है। सद्भावना, एकता और भाईचारगी का मिसाल हजारीबाग के विश्व विख्यात रामनवमी शोभायात्रा का आकर्षक नाजारा आज देर शाम दिखेगा। सैकड़ों अखाड़ों के लोग भगवान श्रीराम के आदर्शों का अनुशरण करते हुए साम्प्रदायिक सद्भाव और भाईचारगी का संदेश देने हेतु हाथों में केसरिया परचम लिए एक अद्भूत जोश, जूनून और उमंग के साथ तासों की पुरनूर झंकार और गडगड़ाहट, लाठियों के तड़तडाहट, नुक्कड़ों के शोर के जोर संग थिरकते-नाचते-झूमते सड़क पर उतरेंगे। यह धार्मिक जुलूस जो अनवरत कल देर शाम तक जारी रहेगा। इस दौरान सामाजिक जागरूकता, राष्ट्रीय एकता, भारतीय संस्कृति और सभ्यता, धार्मिकता और सामाजिकता के साथ भाईचारगी का संदेश बिखेरता दर्जनों ऐतिहासिक झांकियों का कतारबद्ध कारवां, नन्हें-नन्हें विद्युतीय बल्बों से निकलती रोशनी के बीच चुंधियाती आँखें और अखाड़ा धारियों द्वारा लाठी, डंडा, भुजाली, तलवार आदि से कला-कौशल का हैरतअंगेज कारनामे दिखाना जुलुस को और मनोहारी बना देता है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, देवों के देव महादेव और वीर बजरंगबली के नारे से हजारीबाग के चारों दिशाएँ गूंज उठती है। इन मनभावन, अद्वितीय, अनुपम, ख़ुशगवार दृश्यों का अवलोकन करने हेतु दूर-दराज से जनसैलाब उमड़ पड़ता है। हजारीबाग की रामनवमी जुलूस यहां की तहजीब, समृद्धि सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत एवं अस्मिता का प्रतीक बन चुका है। यहां रामनवमी अतिविशिष्ट लोक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। मनाये भी क्यों नहीं, यह उनका जन्मदिन का उमंग है, जो पापी, अत्याचारी और अधार्मिक व्यक्ति को भी सन्मार्ग पर लाकर श्रेष्ठ व्यक्ति बना सकते हैं। वे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव हजारीबाग वासियों द्वारा विशेष तरीके से मनाया जाता है। भगवान श्री राम के आदर्श चरित्र और धार्मिक उपदेश को पहल करके मनुष्य उत्कृष्ट आचरण का उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है। जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं के सेवार्थ यहां दर्जनों स्टॉल लगाए जाते हैं। रामनवमी जुलूस के सौहार्दपूर्ण संचालन के लिए यहां तमाम जनप्रतिनिधि, रामनवमी महासमिति के सभी पदाधिकारी और सदस्यगण के अलावे जिला प्रशासन, सभी राजनीतिक दलों के लोग, सद्भावना समिति के लोग, सभी धर्म-संप्रदाय के लोग, समाजसेवी, शिक्षाविद्ध, प्रेस-मीडिया और हजारीबाग के प्रबुद्ध लोगों के साथ समस्त आम-आवाम जुलूस में तैनात रहेंगे जुलूस के संचालन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा भी विधि व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया गया है। जिले के वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी लगातार जुलूस मार्ग का खुद निरीक्षण कर रहे हैं। शहर में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे के अलावे ड्रोन कैमरे से भी निगरानी रखी जा रही है। हजारीबाग की रामनवमी यानी दशमी और एकादशी को सड़कों पर उतरकर इस आंतरिक खुशी का इजहार करेंगे। 103 साल से अधिक समय का हजारीबाग के रामनवमी जुलूस का पारंपरिक इतिहास एक बार फिर दोहराने को यहां के लोग बेताब है। हजारीबाग में रामनवमी लोकउत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस धार्मिक उत्सव के दौरान वृहत स्तर पर समाज के कई वर्गों को रोजगार भी मिलता है। जिसमें तासा पार्टी, साउंड वाले, झंडों के व्यवसाई, झांकी के सामग्री विक्रेता, फ्लेक्स, पोस्टर, रशीद छपाई वाले, मिठाई वाले, पूजन सामग्री विक्रेता, गाड़ी वाले, पारंपरिक हथियार विक्रेता, कपड़ा विक्रेता, मूर्तिकार, ठेला-खोमचे वाले सहित अन्य के लिए रोजगार सृजन का माध्यम है। वर्तमान वर्ष भी हजारीबाग की रामनवमी में सरकार और प्रशासन द्वारा डीजे पर पाबंद लगाने से अखाड़ा धारियों पर वित्तीय बोझ बढ़ा है और ताशा पार्टी की कमी की वजह से अखाड़ा धारियों को बढ़िया तासा भी नहीं मिल पा रहा है। लेकिन अब यह भविष्य के गर्भ में है कि जुलूस पर सरकार की पाबंदी कितना कारगर होती है। हजारीबाग की रामनवमी में रघुवर दास सरकार ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराकर रामभक्तों का सम्मान किया था लेकिन वर्तमान हेमंत सरकार ने चलंत डीजे पर पाबन्दी लगाया है। हजारीबाग से पहली बार सांसद बने मनीष जायसवाल ने पारंपरिक अस्त्र-शास्त्र कला कौशल को जीवंत करने के लिए हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के दो हज़ार से अधिक गांवों के अखाड़ा धारियों के बीच पहुंचकर उन्हें पारंपरिक लाठी और तलवार भेंटकर उनका रामनवमी में करतब दिखाने के लिए उत्साह बढ़ाया है और अपील की है कि रामनवमी जुलूस में हॉकी स्टीक, प्लास्टिक पाइप के जगह पर लाठी, तलवार से अपने पारंपारिक कला कौशल को प्रदर्शित करें एवं नशामुक्त होकर सौहार्दपूर्ण वातावरण में रामनवमी मनाएं। हम भी अपने इस आलेख के माध्यम से तमाम हजारीबाग के सनातन धर्म प्रेमियों व भक्तजनों से अपील करते हैं कि शांतिपूर्ण तरीके से परंपरागत रूप से जुलूस में भाग लें और इसे सफल बनाएं।

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