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200 फीट खाई में गिरी स्कॉर्पियो, जयराम महतो का छलका दर्द – बोले, “80 माननीयों में से किसी ने नहीं पूछा हाल”

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📍 संथाल हुल एक्सप्रेस डेस्क, राँची

झारखंड की राजनीति में बेबाकी से अपनी बात रखने वाले डुमरी विधायक जयराम महतो, हाल ही में एक बड़े सड़क हादसे का शिकार हुए. 30 जून की रात पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के बलरामपुर इलाके में उनके काफिले की एक स्कॉर्पियो गाड़ी बेकाबू होकर 200 फीट गहरी खाई में गिर गई, जिसमें 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.

हादसे के बाद विधायक जयराम महतो ने ट्वीट कर इस दर्दनाक हादसे की जानकारी साझा की, लेकिन इस हादसे से भी ज्यादा उन्हें इस बात का मलाल है कि झारखंड विधानसभा के 80 में से एक भी माननीय विधायक या मंत्री ने उनके हाल तक नहीं पूछा।


🌧️ बारिश बनी हादसे की वजह, स्कॉर्पियो गिरी खाई में

जयराम महतो ने ट्वीट कर बताया कि वे चाईबासा से धनबाद लौट रहे थे, तभी बलरामपुर और पुरुलिया के बीच उनके काफिले की स्कॉर्पियो वाहन भारी बारिश के कारण फिसलकर 200 फीट नीचे जंगल में जा गिरी.

गाड़ी में सवार संतोष, दिनेश, मंशु, रूपक, विनय (बॉडीगार्ड), और अनिल घायल हो गए. स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को पुरुलिया सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर बेहतर इलाज के लिए धनबाद रेफर किया गया.

घायलों में:

  • संतोष, दिनेश और मंशु का इलाज स्टील गेट, धनबाद में चल रहा है,

  • जबकि रूपक, विनय और अनिल को अशर्फी अस्पताल, धनबाद में भर्ती कराया गया है.
    डॉक्टरों ने सभी को सुरक्षित और खतरे से बाहर बताया है.


💔 “संवेदना तक नहीं जताई किसी ने” – छलका जयराम महतो का दर्द

इस हादसे के बाद विधायक जयराम महतो ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा,

“झारखंड के 80 माननीयों में से किसी ने भी फोन कर हाल नहीं पूछा. क्या यही राजनीति है? क्या मानवीयता मर चुकी है?”

उनका यह बयान झारखंड की सियासत में संवेदनशीलता की कमी को उजागर करता है. एक ओर जहां वह खुद गंभीर हादसे से बाल-बाल बचे, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक बिरादरी की चुप्पी उनके मन को अंदर तक दुखा गई.


📢 लोगों ने जताई चिंता, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ट्वीट

जयराम महतो का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, और लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब एक विधायक के साथ ऐसा बर्ताव हो सकता है, तो आम आदमी के साथ क्या होता होगा? झारखंड की राजनीति में जहां जुबानी जंग आम है, वहीं जयराम महतो जैसे जनप्रतिनिधियों के साथ हुए हादसे के बाद राजनीतिक चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है. एक ओर हादसे से उबरते जयराम महतो, दूसरी ओर उन्हें मिले इस “राजनीतिक सन्नाटे” से वे कहीं ज्यादा आहत नजर आए.

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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