लातेहार,। लातेहार पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई एवं सरकार की पुनर्वास नीति के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। जिले में उग्रवाद प्रभावित इलाकों में लगातार चल रहे अभियान और मुख्यधारा से जुड़ने की अपीलों के बाद आज झारखंड जन-मुक्ति परिषद (JJMP) के 09 सक्रिय उग्रवादियों ने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया।

आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादी
आत्मसमर्पण करने वालों में कई कुख्यात और इनामी नक्सली शामिल हैं। इनमें प्रमुख हैं—
रविन्द्र यादव, जोनल कमांडर (इनामी 5 लाख) – इन पर लातेहार, गुमला और लोहरदगा जिलों में कुल 14 कांड दर्ज।
अखिलेश यादव उर्फ गूली यादव, सब-जोनल कमांडर (इनामी 5 लाख) – इन पर लातेहार और पलामू जिले में 10 मामले दर्ज।
बलदेव गंझू उर्फ अमरेश गंझू, सब-जोनल कमांडर (इनामी 5 लाख) – लातेहार में 9 मामले दर्ज।
इनके अलावा रवि उर्फ आजाद, पवन महतो, भूवजी उर्फ राजू राम, विजय यादव, श्रवण सिंह उर्फ पारस जी और मुकेश गंझू ने भी आत्मसमर्पण किया।

बरामद हथियार
आत्मसमर्पण के दौरान उग्रवादियों ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद पुलिस के हवाले किए। इनमें—
04 AK-47 राइफल
02 SLR
02 देशी/303 राइफल
01 CAL-30 M1 राइफल
1,700 से अधिक कारतूस और 26 मैगजीन शामिल हैं।
सरकार की पुनर्वास नीति का असर
आत्मसमर्पण करने वाले सभी उग्रवादियों को झारखंड सरकार की 2018 की पुनर्वास नीति के तहत लाभ दिए जाएंगे। इनमें वैकल्पिक रोजगार, जमीन, आवास, बच्चों की पढ़ाई के लिए सालाना आर्थिक सहयोग, निःशुल्क चिकित्सा सुविधा और बच्चियों के विवाह में मदद जैसी योजनाएं शामिल हैं।
पुलिस का अभियान और उपलब्धियां
वर्ष 2025 में अब तक लातेहार पुलिस ने 75 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस अभियानों में हाल ही में JJMP सुप्रीमो पप्पू लोहरा (इनामी 10 लाख) और सब-जोनल कमांडर सुदेश गंझू (इनामी 5 लाख) मारे गए।
इसके अलावा माओवादी संगठन के जोनल कमांडर कुंदन जी (इनामी 10 लाख) को गिरफ्तार किया गया।
अधिकारियों का कहना

लातेहार पुलिस अधीक्षक ने कहा कि –
“यह सफलता आम जनता के सहयोग, सीआरपीएफ और पुलिस के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। सरकार की पुनर्वास नीति से नक्सली संगठन से जुड़े लोग अब मुख्यधारा में लौट रहे हैं। हम सभी उग्रवादियों से अपील करते हैं कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज और परिवार के बीच लौटें। सरकार उन्हें पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी।”
लातेहार में हुए इस सामूहिक आत्मसमर्पण ने यह साबित कर दिया है कि पुलिस की सख्त कार्रवाई और सरकार की पुनर्वास योजना साथ-साथ चलने पर ही उग्रवाद को जड़ से खत्म किया जा सकता है। लगातार हो रहे आत्मसमर्पणों से लातेहार जिला धीरे-धीरे उग्रवाद की छाया से निकलकर शांति और विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है।
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