संथाल हुल एक्सप्रेस डेस्क दुमका |
30 जून हूल दिवस के दिन भोगनाडीह, जो कि सिदो-कान्हू की जन्मस्थली है, वहां जो कुछ हुआ उसने पूरे झारखंड की राजनीति में उबाल ला दिया है। पहले जहां मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने घटना के पीछे भाजपा के षड्यंत्र की आशंका जताई थी, अब वही आशंका गोड्डा एसपी की प्रेसवार्ता के बाद और मजबूत होती दिख रही है।
घटना का संक्षिप्त ब्यौरा
हूल दिवस के मौके पर भोगनाडीह में संताल समाज और पुलिस प्रशासन के बीच तनाव इतना बढ़ा कि मामला धक्का-मुक्की से लेकर तीर-धनुष और आंसू गैस के गोले तक पहुंच गया। कई लोग घायल हुए, जिनमें सिदो कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू का भी नाम शामिल है।
दीपिका पांडे सिंह की आशंका हुई सच
सोमवार को दुमका पहुंचकर मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने साफ कहा था कि भाजपा नेताओं द्वारा साजिश रची गई है। उन्होंने कहा था, “हूल दिवस से पहले भाजपा नेताओं का संताल परगना में अचानक दौरे बढ़ जाना और गांव-गांव बैठकें करना संदेह पैदा करता है।”
एसपी की प्रेसवार्ता ने बढ़ाई सियासी गर्मी
मंगलवार को गोड्डा एसपी ने प्रेसवार्ता कर मामले में दो आरोपियों सुधीर कुमार (जमशेदपुर निवासी) और गणेश मंडल (उड़ीसा निवासी) की गिरफ्तारी की जानकारी दी। एसपी ने बताया कि सुधीर कुमार पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का सोशल मीडिया हैंडलर रह चुका है। उसके पास से अवैध हथियार और गोली बरामद हुई है।
एसपी के मुताबिक, सुधीर 20 जून से साहिबगंज के बरहेट और बोरियो प्रखंड में घूमकर लोगों के बीच धोती, साड़ी, हथियार और पैसे बांट रहा था। इसी संदर्भ में साहिबगंज पुलिस ने आधा दर्जन लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की थी।
विपक्ष ने गिरफ्तारी को बताया फर्जी
उधर, गोड्डा के पूर्व विधायक अमित मंडल ने फेसबुक पोस्ट के जरिए इन गिरफ्तारी को फर्जी करार दिया। उन्होंने लिखा, “जनाक्रोश सरकार के खिलाफ जाता देख, सरकार ने अपने तंत्र का इस्तेमाल कर मुद्दे को भटकाने का प्रयास किया है। यह गिरफ्तारी प्रथम दृष्टया ही फर्जी प्रतीत हो रही है।”
सियासी तापमान और बढ़ने के आसार
भोगनाडीह बवाल पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। जहां सत्ता पक्ष इसे पूर्व नियोजित साजिश बता रहा है, वहीं विपक्ष सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगा रहा है।
अब सबकी नजर आने वाली फाइनल जांच रिपोर्ट पर टिकी है। लेकिन इतना तय है कि झारखंड की सियासत में इस बवाल की तपिश अभी और बढ़ेगी।
