सौरभ राय
संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
रांची:झारखंड की राजधानी रांची में बांग्ला भाषी समाज की ओर से एक महत्वपूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक मांग को लेकर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री एवं रांची सांसद संजय सेठ से मुलाकात की गई। यह मुलाकात कोई साधारण राजनीतिक शिष्टाचार नहीं, बल्कि बांग्ला समाज की गहरी भावनात्मक पीड़ा और उपेक्षा की भावना से उपजी एक संगठित अभिव्यक्ति थी।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और बांग्ला समाज की अस्मिता
अस्तित्व अखिल भारतीय बांग्ला भाषी समन्वय परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ को ज्ञापन सौंपकर आग्रह किया कि रांची के रातू रोड फ्लाईओवर का नाम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखा जाए। परिषद का मानना है कि यह न केवल डॉ. मुखर्जी को श्रद्धांजलि होगी, बल्कि बांग्ला समाज को भी वह सम्मान और गौरव प्रदान करेगी, जिसकी उन्हें लंबे समय से उपेक्षा के कारण प्रतीक्षा रही है।
रांची विश्वविद्यालय नाम परिवर्तन बना कारण
यह मांग उस पृष्ठभूमि में आई है जब हाल ही में रांची विश्वविद्यालय का नाम बदलकर वीर शहीद बुधु भगत विश्वविद्यालय कर दिया गया। परिषद ने इस फैसले पर आपत्ति नहीं जताई, बल्कि स्पष्ट किया कि वीर बुधु भगत का योगदान भी समाज के लिए अतुलनीय है और बांग्ला समाज उन्हें अत्यंत सम्मान की दृष्टि से देखता है। परंतु परिषद का तर्क था कि एक सम्माननीय व्यक्ति के नाम को हटाकर दूसरे के नाम को थोपना, न केवल सामाजिक मर्यादाओं के खिलाफ है, बल्कि इससे समाज के एक हिस्से को भावनात्मक ठेस पहुंचती है।
अभिजीत दत्ता गुप्ता का स्पष्ट रुख
परिषद के अध्यक्ष अभिजीत दत्ता गुप्ता ने यह मुद्दा गंभीरता से उठाते हुए कहा कि यदि सरकार सचमुच वीर बुधु भगत को श्रद्धांजलि देना चाहती, तो उनके नाम पर कोई नया विश्वविद्यालय, अस्पताल, शोध संस्थान या प्रशासनिक केंद्र स्थापित करती – जिससे समाज को प्रत्यक्ष लाभ भी मिलता और सच्चे सम्मान की अनुभूति भी होती। लेकिन वर्तमान में जो किया गया, वह “एक हल्की, तात्कालिक और विभाजनकारी राजनीतिक पहल” प्रतीत होती है, जो समाज को बांटने का कार्य करती है।
उन्होंने आगे कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी न केवल बांग्ला समाज की शान हैं, बल्कि उन्होंने भारत की अखंडता और कश्मीर मुद्दे पर अपने प्राण न्योछावर किए। ऐसे महान राष्ट्रनायक को झारखंड जैसे विविधतापूर्ण राज्य में उचित स्थान और पहचान मिलनी चाहिए।
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ का आश्वासन
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और भावनात्मक सहानुभूति प्रकट करते हुए कहा,डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। भाजपा हमेशा से उनके विचारों को आदर्श मानती रही है। बांग्ला समाज की इन भावनाओं का हम पूरा सम्मान करते हैं और सही समय पर इस पर उचित निर्णय लिया जाएगा।
झारखंड के विकास में बांग्ला समाज का भी है अहम योगदान
परिषद ने यह भी रेखांकित किया कि झारखंड के सामाजिक, शैक्षणिक, प्रशासनिक, चिकित्सा, साहित्यिक एवं औद्योगिक विकास में बांग्ला भाषी समाज का ऐतिहासिक योगदान रहा है। चाहे वह शिक्षण संस्थानों की स्थापना हो, प्रशासनिक सेवाओं में भागीदारी या सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा – बांग्ला समाज हमेशा राज्य के विकास में अग्रणी रहा है।
प्रतिनिधिमंडल में इनकी रही उपस्थिति
इस अवसर पर परिषद के कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें केंद्रीय महासचिव अभिजीत भट्टाचार्य, जयंती चौधरी, रीता डे, सुदीप्तो भट्टाचार्य, नीता भट्टाचार्य, सम्राट डे पापलू, अभिजीत विश्वास, बुद्धदेव विश्वास, प्रणब मोहंती, कौशिक भट्टाचार्य, असीम चौधरी और अपराजिता चौधरी शामिल थे। सभी ने अपनी-अपनी बातों को प्रभावी ढंग से रखते हुए इस अभियान को एकजुट स्वर दिया।
