संथाल हुल एक्सप्रेस डेस्क |
देश की रक्षा के लिए तीन दशकों तक सीमाओं पर डटे रहने वाले झारखंड के वीर सपूत आज अपने घर लौटे। ऑपरेशन सिंदूर में अपनी अदम्य साहस और शौर्य का परिचय देने वाले भारतीय सेना के जवानों ने जब रांची रेलवे स्टेशन पर कदम रखा तो पूरा माहौल देशभक्ति के नारों से गूंज उठा।
परिजनों की आंखों में खुशी और गर्व के आंसू
जवानों के स्वागत के लिए स्टेशन पर उनके परिजन, मित्र, ग्रामीण और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे। जैसे ही जवान प्लेटफार्म पर उतरे, “भारत माता की जय”, “वीर जवान अमर रहें”, और “जय हिंद” के नारों से पूरा वातावरण देशभक्ति में डूब गया। परिजनों ने अपने वीर सपूतों को गले लगाकर उनका स्वागत किया। कई परिवारों की आंखों से खुशी के आंसू झलक पड़े।
30 साल देश सेवा का गर्व, ऑपरेशन सिंदूर की दास्तान
जवानों ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर उनके सैन्य जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण और गर्व का क्षण रहा। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान की नापाक हरकतों का हमने माकूल जवाब दिया। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद यह ऑपरेशन समय की सबसे बड़ी जरूरत था।”
जवानों ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान उनका हौसला और लड़ने की भूख और बढ़ गई थी, लेकिन युद्धविराम की घोषणा हो गई। फिर भी, मिशन के दौरान मिली सफलता और दुश्मनों को दिया गया करारा जवाब हमेशा याद रहेगा।
पत्नी और परिवार ने जताया गर्व
एक जवान की पत्नी ने कहा, “आज हमारे लिए बहुत खुशी का दिन है। इतने सालों तक हमने अपने पति को देश की सेवा में देखा। कई बार डर लगा लेकिन आज वह सुरक्षित लौटे हैं। हमें उन पर गर्व है।”
सम्मान देख भावुक हुए सैनिक
जवानों ने बताया कि आज जिस तरह से आम जनता, परिजन और बच्चों ने उनका स्वागत किया है, उससे उनकी आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा कि सैनिक के लिए इससे बड़ा सम्मान कोई नहीं कि अपने वतन लौटने पर लोग उसका तहे दिल से स्वागत करें।
देशभक्ति का जज्बा कायम
जवानों ने कहा कि आने वाली पीढ़ी को भी देश सेवा के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने युवाओं से सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने की अपील की।
