पाकुड़िया (पाकुड़):
एक ओर राज्य सरकार नशामुक्त झारखंड बनाने को लेकर लगातार प्रयासरत है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर पेश कर रही है। पाकुड़िया थाना क्षेत्र के दुमगी बरमसिया गांव में रविवार को हड़िया (पोचोई) पीने से आठ ग्रामीणों की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिससे गांव में दहशत का माहौल फैल गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गांव में आदिवासी समाज द्वारा धान रोपाई से पूर्व मनाए जाने वाले पारंपरिक त्यौहार एरो पोरोब के मौके पर रविवार को नायकी के घर सामूहिक भोज का आयोजन किया गया था। भोज में शामिल ग्रामीणों ने उत्सव के दौरान हड़िया पी, जिसके कुछ देर बाद ही लोगों को ठंड लगने, बदन में कपकपी और उल्टी की शिकायत होने लगी।
बीमार हुए सभी ग्रामीणों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, पाकुड़िया लाया गया, जहां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. भरत भूषण भगत के नेतृत्व में रातभर उपचार किया गया। उन्होंने बताया कि सभी की हालत हड़िया में संभावित विषाक्तता के कारण बिगड़ी थी। इलाज के बाद सोमवार को पाँच लोगों की स्थिति में सुधार आने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई है, जबकि तीन गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज हेतु पश्चिम बंगाल रेफर किया गया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक डॉ. गंगाशंकर साह ने बताया कि रविवार देर शाम से सभी मरीजों को सिलाइन और प्राथमिक उपचार दिया गया। अस्पताल प्रशासन पूरी सतर्कता से मामले की निगरानी कर रहा है।
गांव में घटना के बाद से अफरा-तफरी का माहौल है। स्थानीय लोगों ने अपील की है कि त्योहारों में पारंपरिक पेय के सेवन में सावधानी बरतें, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
