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हजारीबाग के किसानों की पीड़ा: 2024 में बेचे गए धान का अब तक नहीं हुआ भुगतान, चुरचू के किसान पहुंचे डीसी कार्यालय

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संथाल हुल एक्सप्रेस डेस्क रांची

हजारीबाग, 01 जुलाई 2025:
हजारीबाग जिला के चुरचू प्रखंड के किसानों की आर्थिक परेशानी लगातार गहराती जा रही है। एक तरफ जिलेभर के किसान इस समय नए खरीफ सत्र के तहत धान की बुवाई में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर चुरचू के करीब दो दर्जन किसान अब भी 2024 में बेचे गए धान की बकाया राशि के भुगतान का इंतजार कर रहे हैं।

पैसे की आस में चक्कर काट रहे किसान
किसानों ने बताया कि उन्होंने पिछले साल चुरचू धान अधिप्राप्ति केंद्र (पैक्स) के माध्यम से सैकड़ों क्विंटल धान की आपूर्ति की थी। लेकिन बीते एक साल में भुगतान नहीं होने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है। कई किसानों ने कर्ज लेकर खेत की तैयारी की है, जबकि कुछ किसान बीज और खाद खरीदने तक में असमर्थ हैं।

न्याय के लिए डीसी ऑफिस का रुख
कई बार पैक्स अध्यक्ष और जिला प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी जब कोई ठोस समाधान नहीं निकला तो थक-हारकर आज किसानों का प्रतिनिधिमंडल एक बार फिर उपायुक्त कार्यालय पहुंचा। किसानों ने डीसी के नाम आवेदन सौंपकर जल्द से जल्द भुगतान की मांग की। उनका कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

700 क्विंटल धान का गबन, एफआईआर दर्ज
इस पूरे मामले पर जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी सुधीर कुमार ने बताया कि चुरचू अधिप्राप्ति केंद्र द्वारा लगभग 700 क्विंटल धान का गबन किया गया है। इसको लेकर संबंधित पैक्स प्रबंधकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और जांच प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि किसानों के नए आवेदन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

किसानों की नाराजगी और भविष्य की चिंता
किसानों का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो खरीफ फसल की तैयारी अधर में लटक जाएगी। एक किसान ने कहा, “एक साल हो गया, लेकिन हमारा मेहनत का पैसा अब तक नहीं मिला। सरकार से उम्मीद थी कि समय पर भुगतान होगा, लेकिन अब तो धैर्य जवाब दे रहा है।”

प्रशासन से कार्रवाई की मांग
किसानों ने जिला प्रशासन से दोषी अधिकारियों और पैक्स प्रबंधकों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो। साथ ही सभी किसानों ने यह भी अपील की कि उन्हें जल्द से जल्द उनका बकाया भुगतान किया जाए, ताकि वे समय रहते अपने खेतों में बुवाई का कार्य पूरा कर सकें।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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