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साहिबगंज के प्यासे गांवों में बही उम्मीद का जल: शालोम ग्लोबल फाउंडेशन ने गढ़ी नई मिसाल

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जल संकट से जूझते सुदूरवर्ती गांवों में मिली राहत, ग्रामीण बोले, अब दूर नहीं पानी

संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता

बोरियो:- जहां एक ओर राज्य के कई गांव आज भी शुद्ध पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रांची की शालोम ग्लोबल फाउंडेशन ने साहिबगंज के सुदूरवर्ती इलाकों में जल संकट के समाधान की दिशा में एक बड़ी पहल कर मिसाल कायम की है। गत नवंबर से जिले के दर्जनों गांवों में काम कर रही संस्था ने अब तक 30 चापाकल और तीन जल मीनार का निर्माण कर हज़ारों ग्रामीणों की प्यास बुझाने का कार्य किया है। यह पहल न केवल जल संकट से राहत दिलाने वाली है, बल्कि स्वास्थ्य, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण को भी मजबूती प्रदान कर रही है। ग्रामीणों ने बताया अब नहीं चलना पड़ता मीलों दूर सुदूरवर्ती, ग्राम और आसपास के गांवों में जहां पहले महिलाओं और बच्चों को एक बाल्टी पानी के लिए किलोमीटरों चलना पड़ता था, अब घर के पास ही पानी मिल रहा है।
ग्राम प्रधान सलहाय हांसदा, ने कहा, “ये सिर्फ चापाकल नहीं, बल्कि हमारे गांव के लिए जीवनदायिनी योजना है। जल मीनार का उद्घाटन एवं लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान सांसद प्रतिनिधि स्टीफन मुर्मू, ग्राम प्रधान सलहाय हांसदा, जर्मन मुर्मू, पौलूस, फ्रांसिस मुर्मू, अनमोल मुर्मू सहित कई सामाजिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे। शालोम ग्लोबल फाउंडेशन के निदेशक एंथनी सामय ने कहा हम पिछले दो दशकों से झारखंड में काम कर रहे हैं। हमारा मानना है कि पानी सिर्फ एक संसाधन नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है। प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर दुर्गा वादी और साहिबगंज प्रमुख फुलेंद्र रविदास ने बताया कि आने वाले महीनों में और गांवों में विस्तार किया जाएगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था के सहयोगी रंजीत मडैया, डम्बू पहाड़िया, विक्रांत कुमार जॉन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Bishwjit Tiwari
Author: Bishwjit Tiwari

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