गुमला। जिले में स्वास्थ्य और फिटनेस बढ़ाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा जिला मुख्यालय और विभिन्न प्रखंडों के शैक्षणिक संस्थानों में ओपन जिम स्थापित किए गए थे। प्रत्येक जिम की लागत लगभग 24 लाख रुपये बताई गई थी। वर्तमान में जिले में दर्जन भर से अधिक ओपन जिम स्थापित हैं, जिन पर कुल खर्च करोड़ों रुपये में पहुंचता है।
जर्जर हालत में उपकरण
इन जिमों का निर्माण लगभग दो वर्ष पूर्व हुआ था, लेकिन इस दौरान एक भी मेंटेनेंस कार्य नहीं किया गया। जिस कंपनी को रखरखाव का जिम्मा दिया गया था, उसने अब तक कोई जिम्मेदारी नहीं निभाई। एग्रीमेंट के अनुसार, कंपनी को कम से कम तीन वर्षों तक जिमों का रखरखाव करना था। हालात यह हैं कि कई फिटनेस उपकरण टूट चुके हैं और अधिकांश मशीनें जर्जर हालत में हैं।
जनता में चिंता और आक्रोश
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रतिदिन सैकड़ों पुरुष और महिला जिम का उपयोग करते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। उन्होंने जिला प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन जिम्मेदार विभाग और कंपनी योजना की अनदेखी कर रहे हैं।
मांग रखरखाव की
जानकारी के अनुसार, इन जिमों का निर्माण जिला परिषद के माध्यम से कराया गया था, लेकिन न तो जिला परिषद के अधिकारी और न ही इंजीनियर निरीक्षण के लिए आते हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जिमों की मरम्मत और नियमित रखरखाव की ठोस व्यवस्था की जाए, ताकि सार्वजनिक धन का सदुपयोग सुनिश्चित हो और जनता को लंबे समय तक इसका लाभ मिल सके।
