संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
रांची:झारखंड विधानसभा में राज्य विश्वविद्यालय विधेयक-2025 को पारित कर दिया गया है जिसको लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो चुकी है इसी बीच जदयू के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र तिवारी ने इस विधेयक को शिक्षा व्यवस्था और लोकतांत्रिक परंपराओं पर सीधा हमला है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता को समाप्त कर उन्हें सरकार के नियंत्रण में लाने का प्रयास है, जो किसी भी दृष्टिकोण से स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि कुलपति, परीक्षा नियंत्रक और अन्य शैक्षणिक पदों पर प्रत्यक्ष दखल देने की व्यवस्था विश्वविद्यालयों को राजनीतिक हस्तक्षेप का अड्डा बना देगी। तिवारी ने कहा कि पहले से ही जेपीएससी, जेएसएससी और जेएसी जैसी संस्थाओं की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगते रहे हैं और अब विश्वविद्यालयों को भी उसी राह पर ले जाया जा रहा है। यह कदम छात्रों के भविष्य और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता दोनों के साथ खिलवाड़ है।
धर्मेंद्र तिवारी ने कहा कि आज झारखंड की शिक्षा व्यवस्था में लूट-खसोट का माहौल तैयार हो रहा है। विद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में अनियमितताओं की भरमार है, जिससे आने वाली पीढ़ियों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि इस स्थिति पर माननीय उच्च न्यायालय स्वतः संज्ञान ले और शिक्षा को बचाने की दिशा में ठोस हस्तक्षेप करे।
जदयू नेता ने राज्यपाल से अपील करते हुए कहा कि इस विधेयक पर तत्काल पुनर्विचार हो और विपक्षी दलों, छात्र संगठनों तथा शिक्षाविदों से विमर्श कर ठोस शिक्षा नीति बनाई जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस विधेयक को लागू करने पर जोर दिया तो जनता दल यूनाइटेड राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगा।
