झारखंड सरकार ने ग्रामीणों के लिए आधार सेवा को और अधिक सुलभ बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के पंचायत सचिवालयों में अब आधार पंजीकरण और अपडेट जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा डिजिटल पंचायत की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ग्रामीणों को मुफ्त में आधार प्राप्त करने तथा उसमें सुधार करने के लिए दूर-दूर जाने की आवश्यकता को समाप्त करेगा। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि संसाधनों की भी बचत होगी।
कई वर्षों से पंचायत स्तर पर आधार सेवाओं की मांग उठाई जा रही थी। इसको ध्यान में रखते हुए, झारखंड सरकार ने अब इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। झारखंड वित्त नियमावली के नियम 245 के तहत एक विशेष निर्णय लेते हुए, सरकार ने रजिस्ट्रार एवं एनरोलमेंट एजेंसी को स्थानीय स्तर पर आधार केंद्रों की स्थापना हेतु अनुमति दी है।
सरकार ने पुराने इकरारनामों को समाप्त करते हुए, यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित इन-हाउस मॉडल के अनुसार पंचायत भवनों, वार्ड कार्यालयों और शहरी निकाय कार्यालयों में आधार स्थायी पंजीकरण केंद्र स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। यह आधार केंद्र सरकारी परिसरों में स्थापित होंगे, जिससे ग्रामीणों को आसानी से सेवा मिल सकेगी।
झारखंड सरकार और कॉमन सर्विस सेंटर स्पेशल परपज़ व्हीकल (सीएससी-एसपीवी) के बीच इस संबंध में जल्द ही नया एमओयू किया जाएगा, जिसके पश्चात पंचायत सचिवालयों में आधार पंजीकरण और अपडेट की सेवाएँ प्रारंभ कर दी जाएंगी।
यह पहल राज्य में प्रशासनिक सुगमता को बढ़ाने और ग्रामीणों के जीवन में सुविधा लाने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
