संथाल हूल एक्सप्रेस सेंट्रल डेस्क
निर्वासित पाकिस्तानी नेता और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के फाउंडर अल्ताफ हुसैन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक महत्वपूर्ण अपील की है। हुसैन ने मांग की है कि PM मोदी अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान में बसे शरणार्थियों यानी मुहाजिरों के मुद्दे को उठाएं, जो बंटवारे के बाद से ही गंभीर उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।
अल्ताफ हुसैन ने कहा कि पाकिस्तान में मुहाजिरों के खिलाफ सरकारी और सैन्य समर्थन से उत्पीड़न जारी है। उनका आरोप है कि पाकिस्तानी सेना ने मुहाजिरों को कभी भी वैध नागरिक मानने से इनकार किया और यही कारण है कि मुहाजिरों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
उत्पीड़न की गंभीरता
हुसैन ने यह भी उल्लेख किया कि अब तक पाकिस्तान में सैन्य कार्रवाई के दौरान लगभग 25,000 मुहाजिरों की मौत हुई है, जबकि हजारों लोग अब भी गायब हैं। उन्होंने कहा कि यह अपमानजनक स्थिति नहीं केवल एक समुदाय के लिए, बल्कि मानवाधिकारों की पूरी अवधारणा के लिए चुनौती है।
अल्ताफ हुसैन की यह अपील अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक ध्यान आकर्षित करने वाला मुद्दा है। उन्होंने मोदी से अपेक्षा की कि वे इस सवाल को वैश्विक फोरम में उठाएं ताकि मुहाजिरों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया जा सके और उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस मांग पर विभिन्न राजनीतिक दलों और मानवाधिकार संगठनों ने भी ध्यान दिया है। कई नेताओं ने कहा है कि यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाना चाहिए। हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा क्षेत्रीय सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है।
अल्ताफ हुसैन की अपील ने एक बार फिर से पाकिस्तानी मुहाजिरों की दयनीय स्थिति को उजागर किया है। यह आवश्यक है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस समस्या को गंभीरता से ले और मुहाजिरों के मानवाधिकारों की रक्षा में सक्रियता से कदम उठाए।
