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लातेहार में नक्सली कमांडर की मौत: शहीद जवान के शव में बम की प्लांटिंग का रहस्य

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संथाल हूल एक्सप्रेस राँची डेस्क

लातेहार, झारखंड: लातेहार के महुआडांड़ क्षेत्र में चोरहा दौना जंगल में हुई एक मुठभेड़ में खूंखार नक्सली मनीष यादव को ढेर कर दिया गया है। मनीष यादव कटिया कांड का मुख्य साजिशकर्ता था, जिसमें 2013 में CRPF के 13 जवान शहीद हुए थे। इस मुठभेड़ ने एक बार फिर नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की सफलता को उजागर किया है।

मनीष यादव का काला इतिहास

मनीष यादव को नक्सल संघठन में उसके कार्यों के लिए जाना जाता था। 2013 में बरवाडीह में हुई कटिया मुठभेड़ का मुख्य आरोपी मनीष ही था। इस मुठभेड़ में शहीद जवानों के शव का अपमान करते हुए उसे एक शहीद जवान के शव में बम प्लांट करने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया गया। इस घटना ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया था और सुरक्षा बलों के प्रति समाज में गहरी चिंता और आक्रोश उत्पन्न किया था।

वर्तमान मुठभेड़ की जानकारी

हाल ही में हुई मुठभेड़ में जब सुरक्षा बलों ने मनीष को घेर लिया, तो उसने भागने का प्रयास किया, लेकिन उसके सभी प्रयास विफल रहे। मुठभेड़ में मनीष की मौत ने नक्सलियों के एक सशक्त नेता को समाप्त कर दिया है। क्षेत्र में सुरक्षा बलों का यह ऑपरेशन अब नक्सलवाद के खिलाफ एक नई उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है।

राष्ट्रिय सुरक्षा पर प्रभाव

मनीष यादव जैसे नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाइयाँ न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह नक्सलवाद के खिलाफ एक व्यापक लड़ाई की भी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मुठभेड़ के परिणामस्वरूप, नक्सलवादियों के मनोबल को गिराने का कार्य किया जा सकेगा, जिससे कि वे सुरक्षा बलों पर और अधिक हमले करने की सोचने से पहले विचार करें।

लातेहार में हुई मुठभेड़ ने नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। यह घटना केवल एक नक्सली कमांडर के अंत का परिणाम नहीं है, बल्कि यह समाज में सुरक्षा और शांति की स्थापना की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। अब जरूरी यह है कि देशभर में नक्सलवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं, ताकि ऐसे खूंखार अपराधी भविष्य में अपनी योजनाओं को अंजाम नहीं दे सकें।

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