महेशपुर (पाकुड़)।
महेशपुर प्रखंड में इन दिनों बिजली संकट गहराता जा रहा है। क्षेत्र को मिलने वाली 13 मेगावाट बिजली में भारी कटौती करते हुए कैराछत्तर पावर सब-स्टेशन को फिलहाल मात्र 4 मेगावाट बिजली दी जा रही है। इससे प्रखंड के 33 पंचायतों में मात्र 5 से 6 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। उमस भरी गर्मी में लोग बुरी तरह परेशान हैं, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि और वरीय पदाधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं।
लो-वोल्टेज और आंख मिचौली से लोग बेहाल
पिछले एक सप्ताह से महेशपुर व आसपास के क्षेत्रों में बिजली की आंख मिचौली और लो-वोल्टेज की समस्या बनी हुई है। रात में बिजली आते-जाते रहने से लोगों की नींद हराम हो गई है, वहीं दिन में भी गर्मी से राहत पाने का कोई साधन नहीं रह गया है।
किसान बोले— खेत में इंतजार करते रहते हैं बिजली का
बिजली संकट का सबसे अधिक असर किसानों पर पड़ रहा है। खेतों की सिंचाई पूरी तरह बिजली पर निर्भर है, लेकिन अनियमित आपूर्ति ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। स्थानीय किसान बताते हैं कि कई-कई घंटे खेत में बिजली का इंतजार करते बीत जाता है, लेकिन बिजली आती नहीं। इससे फसल पर बुरा असर पड़ रहा है।
विधायक से किसानों ने लगाई गुहार
किसानों ने क्षेत्रीय विधायक से अपील करते हुए कहा है कि वे बिजली व्यवस्था को लेकर विभागीय अधिकारियों से बात करें और समाधान कराएं। किसानों का कहना है कि अगर समय रहते बिजली आपूर्ति नहीं सुधरी, तो फसलों का भारी नुकसान होगा। वही छात्रो को पठन पाठन बाधित हो रही है ।
प्रशासन और विभाग की चुप्पी पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि एक ओर सरकार गांवों में बिजली पहुंचाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर यहां जैसी स्थिति बनी हुई है, वह सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़ा करती है। लोगों ने जल्द से जल्द बिजली आपूर्ति सुचारु करने की मांग की है।
