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साहिबगंज: आदिम जनजाति समुदाय की 15 सूत्री मांगों के समर्थन में प्रदर्शन

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साहिबगंज। जिले के आदिम जनजाति समुदाय ने मंगलवार को हिल असेंबली पहाड़िया महासभा के बैनर तले समाहरणालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन की अगुवाई अखिल भारतीय आदिम जनजाति विकास समिति झारखंड के महासचिव शिवचरण मालतो ने की।

प्रदर्शन की शुरुआत सिदो कान्हू स्टेडियम से एक जुलूस के रूप में हुई, जो सदर अस्पताल रोड, हाट परिसर, पश्चिम रेलवे फाटक, सब्जी मंडी, रेलवे स्टेशन परिसर और कॉलेज रोड होते हुए समाहरणालय पहुंचा। जुलूस के दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथों में मांगों से संबंधित बैनर और तख्तियां थामे रखी थीं और सरकार प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

प्रदर्शन के बाद, महासभा का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मिला और उन्हें 15 सूत्री ज्ञापन प्रस्तुत किया। ज्ञापन में प्रमुख मांगे शामिल थीं:

  1. संसदीय पी पेशा अधिनियम 1996 के विभिन्न धाराओं को तत्काल लागू किया जाए।
  2. अमर शहीद जावरा पहाड़िया उर्फ तिलका मांझी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए।
  3. राष्ट्रीय धरोहर राजमहल की पहाड़ी पर पत्थर उत्खनन कार्य को तुरंत रोका जाए।
  4. झारखंड राज्य आदिम जनजाति आयोग का गठन किया जाए।
  5. आदिम जनजाति के नाम से जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया जाए।
  6. सरकारी योजनाओं का समय पर लाभ पहुंचाने के लिए पहाड़िया कल्याण पदाधिकारी एवं पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाए।
  7. पहाड़िया परिषद को नियमित रूप से भत्ते के साथ नायाब, माझी, और सरदार की नियुक्ति की जाए।
  8. अनुसूचित जनजाति कोटा से आदिम जनजाति समुदाय को सरकारी नौकरी में 25 फीसदी आरक्षण दिया जाए।
  9. राज्यसभा, विधानसभा, और लोकसभा के लिए आदिम जनजाति पहाड़िया के लिए आरक्षित सीटें घोषित की जाएं।
  10. महिलाओं के लिए पहाड़िया पेंशन योजना के तहत 5000 रुपये प्रति माह की पेंशन की व्यवस्था की जाए।

शिवचरण मालतो ने कहा कि “पत्थर उत्खनन एवं क्रशर उद्योग के सहारे आदिम जनजातियों को मिटाने की साजिश की जा रही है।” उन्होंने राजमहल की पहाड़ी को राष्ट्रीय धरोहर मानते हुए इसकी सुरक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। मालतो ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आगे चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा, जिसमें सरकारी कार्यालयों की तालाबंदी भी शामिल हो सकती है।

साथ ही, महासभा के सदस्य डेविड मालतो ने चिंता व्यक्त की कि गंगा नदी के निकट रहते हुए भी पहाड़ पर निवास करने वाले आदिम जनजातियों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है।

इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में आदिम जनजाति समुदाय के सदस्य शामिल हुए, जिसमें वैजनाथ पहाड़िया, धर्मेंद्र मालतो, मोतीलाल पहाड़िया और अन्य प्रमुख जन शामिल थे।

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