नई दिल्ली। रांची । दुमका। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने झारखंड के दुमका जिले में अनुसूचित जनजाति समुदाय की एक नाबालिग लड़की के साथ घटी गंभीर घटना पर संज्ञान लिया है। आयोग ने इस संबंध में उपायुक्त दुमका और जिला पुलिस अधीक्षक दुमका को नोटिस जारी कर 7 दिन के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह कार्रवाई आयोग ने Suo Motu (स्वयं संज्ञान) लेते हुए की है। आयोग ने कहा कि उसे दिनांक 27 अगस्त 2025 को इस घटना की शिकायत/सूचना प्राप्त हुई, जिसके आधार पर संविधान के अनुच्छेद 338क के अंतर्गत उसे प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए इस मामले की जांच कराने का निर्णय लिया गया। नोटिस में साफ कहा गया है कि जिला प्रशासन और पुलिस विभाग 7 दिनों के भीतर घटना से संबंधित तथ्यों, की गई कार्रवाई और दोषियों पर उठाए गए कदमों की पूरी जानकारी आयोग को भेजें। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित अवधि में जवाब नहीं मिलता है, तो उसे संविधान द्वारा प्रदत्त दीवानी न्यायालय की शक्तियों के तहत समन जारी करने का अधिकार है।
अनुसूचित जनजाति समुदाय की नाबालिग लड़की के साथ गंभीर घटना की सूचना चिंताजनक है।
जिला प्रशासन व पुलिस विभाग जवाबदेही सुनिश्चित करें और सभी तथ्यों के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
आयोग पीड़िता व उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिए संवैधानिक दायित्व निभाएगा।
घटना पर सामाजिक संगठनों और आदिवासी समुदाय के लोगों ने नाराजगी व्यक्त की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आयोग के हस्तक्षेप से मामले की निष्पक्ष और तेज़ जांच होगी।
NCST का यह संज्ञान झारखंड में आदिवासी समाज की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। अब सबकी निगाहें जिला प्रशासन और पुलिस की आगामी रिपोर्ट पर टिकी हैं।
