रांची। जिला प्रशासन ने आदिवासी समुदायों के सर्वांगीण विकास के लिए ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य जिले के 545 आदिवासी बहुल गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।अभियान की शुरुआत उप-विकास आयुक्त सौरभ भुवनिया ने समाहरणालय स्थित ब्लॉक-ए सभागार में दीप प्रज्वलित कर की। उन्होंने कहा कि यह अभियान आदिवासी समाज को सशक्त बनाने के साथ-साथ जिम्मेदार शासन और सामुदायिक विकास का मॉडल भी साबित हो सकता है। गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण, संसाधन और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इस अवसर पर आईटीडीए परियोजना निदेशक संजय कुमार भगत, डीआरडीए निदेशक सुदर्शन मुर्मू, जिला शिक्षा पदाधिकारी विनय कुमार, समाज कल्याण पदाधिकारी मति सुरभि सिंह, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि और कई स्वयंसेवी संगठन मौजूद रहे। अभियान के तहत पंचायतों को मजबूत करने, महिलाओं और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने, शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने तथा आदिवासी कला-संस्कृति को संरक्षित करने की योजना है। साथ ही जल, जंगल, जमीन के टिकाऊ उपयोग और पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष जोर दिया जाएगा।
कार्यक्रम में सभी विभागों और पंचायतों के प्रतिनिधियों को अभियान की रूपरेखा और अमल की रणनीति बताई गई। साथ ही यह भी तय किया गया कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का बेहतर उपयोग कर गांवों तक ज़रूरी संसाधन पहुँचाए जाएंगे। कार्यक्रम के अंत में उप-विकास आयुक्त ने अधिकारियों व प्रतिनिधियों के साथ शपथ ली कि वे पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ आदिवासी समुदाय के विकास के लिए कार्य करेंगे। इस पहल से उम्मीद जताई जा रही है कि गांवों में सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं बेहतर होंगी, रोजगार और शिक्षा के अवसर बढ़ेंगे और आदिवासी समाज आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ेगा।
