संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता
नई दिल्ली/रांची: पलामू जिले के पांकी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता शनिवार को उस वक्त आक्रोशित हो उठे, जब उन्हें दिल्ली स्थित झारखंड भवन में ठहरने के लिए कमरा नहीं दिया गया। नाराज विधायक रिसेप्शन पर ही धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ कड़ा विरोध जताया।
विधायक मेहता ने इसे राजनीतिक भेदभाव का मामला बताया और कहा कि राज्य सरकार सत्ता पक्ष और विपक्ष के साथ अलग-अलग मापदंड अपना रही है। उन्होंने तीखे लहजे में कहा, “मुख्यमंत्री जी, एक आंख में काजल और दूसरे में सूरमा नहीं चलेगा।”
डॉ. मेहता ने इस मामले की शिकायत झारखंड विधानसभा अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री संजय सेठ, और मुख्यमंत्री की पत्नी एवं गांडेय विधायक कल्पना सोरेन से भी की। उन्होंने कहा कि एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि को यदि राजधानी में सरकारी भवन में स्थान नहीं मिलेगा, तो यह लोकतंत्र और व्यवस्था दोनों पर सवाल खड़ा करता है।
विधायक के धरने की जानकारी मिलते ही झारखंड भवन के अधिकारी हरकत में आए, लेकिन तब तक मामला राजनीतिक तूल पकड़ चुका था। भाजपा नेताओं ने इसे विपक्ष की अनदेखी का उदाहरण बताते हुए राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
यह घटना ऐसे समय सामने आई है जब झारखंड में राजनीतिक सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। भाजपा इस मुद्दे को राज्य सरकार के दुर्व्यवहार और भेदभावपूर्ण रवैये के रूप में जनता के बीच ले जाने की तैयारी में है।
