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टाटीसिलवे औद्योगिक क्षेत्र मे मजदूरों का हो रहा शोषण

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सुप्रिया सिंह संथाल हूल एक्सप्रेस संवाददाता टाटीसिलवे औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियों में श्रमिकों के शोषण और न्यूनतम मजदूरी अधिनियम की अनदेखी की एक बार फिर गंभीर शिकायतें सामने आई हैं। विधायक प्रतिनिधि रामदेव सिंह ने सोमवार को औद्योगिक क्षेत्र फेज-1 में स्थित दधीचि फूड फैक्ट्री और फेज-2 में बालाजी मिक्सर फैक्ट्री का औचक निरीक्षण किया।

दधीचि फूड फैक्ट्री की स्थिति

निरीक्षण के दौरान, रामदेव सिंह को जानकारी मिली कि दधीचि फूड इंडस्ट्रीज में श्रमिकों का मासिक वेतन केवल ₹8500 है। यह राशि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से बहुत कम है। श्रमिकों ने यह भी बताया कि उन्हें समय पर वेतन प्राप्त नहीं होता और लंबे कार्य घंटों के कारण उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

जब विधायक ने फैक्ट्री प्रबंधन से इस मुद्दे पर चर्चा करने का प्रयास किया, तो उन्होंने बातचीत से इनकार कर दिया।

बालाजी मिक्सर फैक्ट्री की वास्तविकता

फेज-2 में बालाजी मिक्सर फैक्ट्री में श्रमिकों को प्रति दिन केवल ₹275 की दर से भुगतान किया जा रहा है। जब रामदेव सिंह ने इस संबंध में प्रबंधक से सवाल किया, तो प्रबंधक ने स्पष्ट रूप से कहा कि “जिसे ₹275 में काम करना है, वह करें, वरना नौकरी छोड़ दे।” उन्होंने न्यूनतम मजदूरी देने से मना कर दिया और श्रमिकों की समस्याओं का समाधान करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।

विधायक प्रतिनिधि का बयान

रामदेव सिंह ने इन स्थितियों को श्रमिक अधिकारों का खुला उल्लंघन बताया और संबंधित विभागों से ठोस कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस प्रकार की अमानवीय परिस्थितियों में मजदूरों से काम कराना कानूनन अपराध है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले की पूरी रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों और राज्य सरकार को भेजी जाएगी ताकि दोषी फैक्ट्री प्रबंधकों पर सख्त कार्रवाई की जा सके और मजदूरों को उनके अधिकार मिल सकें।

टाटीसिलवे औद्योगिक क्षेत्र में गरीब और असहाय श्रमिकों का शोषण एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। यह आवश्यक है कि प्रशासन और संबंधित विभागें इस मामले को गंभीरता से लें और श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए ठोस उपाय करें।

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