–खराब सोलर मीनारे,बंद मोटरें, सूखी टंकियां और जवाब से दूर विभागीय अफसर!
–पंचायतों में ग्रामीणों का सवाल जिला प्रशासन कब जागेगा?
जितेन्द्र सेन जिछु
साहिबगंज। जिले में सूरज आग उगल रहा है, तापमान 41 डिग्री के पार जा चुका है। लेकिन इससे भी ज़्यादा जलता हुआ है आम आदमी का भरोसा विशेषकर हर घर जल योजना पर। सरकार की ओर से किए गए दावे, सोशल मीडिया पर चल रहे जागरूकता पोस्ट और टोल फ्री नंबर केवल काग़ज़ों में ज़िंदा हैं। हकीकत यह है कि राजमहल प्रखंड के कई पंचायतों में लोग बूँद-बूँद पानी के लिए जूझ रहे हैं। जल संकट सिर्फ समस्या नहीं, अब एक आपदा बनती जा रही है।
तीनपहाड़ पंचायत : जलमिनार से नहीं, बाल्टी से उठती उम्मीदें
तीनपहाड़ पंचायत के वार्ड नं. 9, नीचेटोला के लगभग 60 घरों में पीने का पानी नहीं है। यहां दो सोलर मोटर लगे हैं, दोनों खराब। जलमिनार तो लगा है, लेकिन उसमें 490 फीट गहराई तक की बोरिंग के बावजूद केवल 200 फीट तक मोटर और पाइप लगाया गया है। पानी की परत 400 फीट पर है। सवाल यह है कि जब मोटर पानी तक पहुंचेगा ही नहीं, तो आपूर्ति कैसे होगी? लिला वेवा, आशा वेवा, मुन्नी देवी, नजमा खातून जैसे सैकड़ों लोग पानी के लिए दूर-दराज़ तक चलने को मजबूर हैं। एक दूसरी जलमिनार, जो अफगान के घर के सामने है, उसमें भी एक एचपी की मोटर पानी नहीं खींच पा रही। ग्रामीणों का कहना है कि 2 एचपी की मोटर लगाई जाए तो समस्या हल हो सकती है।
बभनगामा : जलमिनार बना हाथी का दांत
बभनगामा गांव पांच नंबर वार्ड में जलमिनार तो खड़ा है, लेकिन वहां का पानी कुछ लोगों की बपौती बन गया है। जिस जमीन पर बोरिंग हुआ, वहां के मालिक द्वारा पानी की सप्लाई रोकी जा रही है। गांव के लोगों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
हथिगढ़ वार्ड नं.09:15 दिन से टंकी सूखी, शिकायतें अनसुनी
तेतुलिया पंचायत के हथिगढ़ वार्ड नं. 9 में जल जीवन मिशन के तहत दो जलमिनार बने हैं विश्वजीत दास और लछिया देवी के घर के पास। दोनों जगह पिछले 15 दिनों से पानी की सप्लाई बंद है। ग्रामीणों ने पीएचडी विभाग से लेकर जेई और टोल फ्री नंबर तक शिकायत की, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। काजल देवी, दीपक दास, राम दुलार सोनी समेत दर्जनों लोगों ने आरोप लगाया कि जेई का फोन तक रिसीव नहीं होता। ऐसे में सरकारी जागरूकता सिर्फ घोषणाओं तक सीमित रह गई है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया या बहाना?
संवाददाता द्वारा कई बार प्रयास के बाद नोडल पदाधिकारी लक्ष्मी नारायण सिंह ने बताया कि उनकी तबीयत खराब है और जल्द ही ठेकेदार भेजा जाएगा। लेकिन सवाल ये है क्या भीषण गर्मी में बीमार सिस्टम के सहारे जनता की प्यास बुझाई जाएगी?
सरकारी दावा बनाम जमीनी सच्चाई
पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल साहिबगंज द्वारा यह प्रचारित किया जा रहा है कि आगामी गर्मी को लेकर जल संकट से निपटने की पूरी तैयारी है। पर हकीकत यह है कि सोलर जलमिनार खराब, टंकी सूखी, मोटरें अधूरी और विभाग मौन है।
ग्रामीणों का सुझाव और मांग, समस्या नहीं चाहिए समाधान
तुरंत सर्वे कर खराब सोलर मोटरों को बदला जाए।
जहां पानी की परत गहरी है, वहां उच्च क्षमता वाली दो एचपी की मोटर लगाई जाए। जलमिनारों की निगरानी के लिए पंचायत स्तर पर निगरानी समिति बनाई जाए। बोरिंग स्थलों पर स्वामित्व की स्पष्टता हो, ताकि कोई निजी व्यक्ति सप्लाई रोक न सके। जल संकट प्रभावित पंचायतों में टैंकर से वैकल्पिक जल आपूर्ति शुरू हो। जिला प्रशासन को स्वयं मौके पर पहुंचकर निरीक्षण करना चाहिए। फीडबैक सिस्टम मजबूत हो, शिकायतों पर 24 घंटे में कार्रवाई सुनिश्चित हो।
