बीते रविवार रात सरायकेला नगर के जगन्नाथ मंदिर के पास एक दिल दहला देने वाली घटना घटित हुई, जिसमें तीन बहनों ने अपनी 65 वर्षीय नानी, सुमित्रा नायक की बलि के नाम पर निर्मम हत्या कर दी। यह घटना बेगनाडीह की निवासी सुमित्रा नायक के साथ हुई, जब वह अपनी बेटी रवीना खंडाइत के घर आई थीं।
घटना का विवरण
मृतका के परिवार के अनुसार, रवीना खंडाइत और उनके पति अमर खंडाइत पूजा-पाठ में लिप्त रहते थे। इसी संदर्भ में, घर में पूजा के दौरान नातिन तनीषा (19 वर्ष) और उसकी दो नाबालिग बहनों, वीणा और टीना ने लकड़ी काटने वाली दाउली से अपनी नानी पर अंधाधुंध हमला कर दिया। तीनों बहनों का दावा था कि उन पर मंगला माँ का साया है और देवी बलि की मांग कर रही थीं, जिसके प्रभाव में आकर उन्होंने यह जघन्य अपराध किया।
जब उनके माता-पिता, अमर और रवीना, स्थिति को समझने और बचाने के लिए आए, तो तीनों बहनों ने उन्हें भी पीट दिया, और नाबालिग चौथी बहन को भी गंभीर रूप से चोटें पहुंचाई।
पुलिस की कार्रवाई
गंभीरता को देखते हुए सुमित्रा नायक के बेटे, दिलीप नायक ने पहले पुलिस को बुलाया, लेकिन घरेलू विवाद का बहाना बना कर मामले को दबा दिया गया। स्थानीय ग्रामीणों की सूचना मिलने पर दिलीप ने दुबारा पुलिस को बुलाया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस ने तुरंत तीनों बहनों से पूछताछ शुरू की। चूँकि दो आरोपी नाबालिग हैं, इसलिए पुलिस किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित कर रही है। फिलहाल, पूरे मामले की गहनता से जांच के लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञों और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद ली जा सकती है।
सामुदायिक प्रतिक्रिया
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में भय और तनाव का माहौल निर्मित कर दिया है। लोग अंधविश्वास और तांत्रिक गतिविधियों के चलते इस प्रकार की जघन्य घटनाओं की आशंका जताने लगे हैं। पुलिस ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह घटना धार्मिक अंधविश्वास से जुड़ी हो सकती है।
सरायकेला की इस खौफनाक घटना ने समाज के विभिन्न पहलुओं पर सवाल उठाए हैं, और इसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को प्रदर्शित किया है। पुलिस इस मामले में सख्त कदम उठाने का आश्वासन दे रही है, ताकि भविष्य में ऐसे मामले सामने न आएं।
