रांची/जमशेदपुर:
झारखंड में अपराधियों के हौसले किस कदर बुलंद हो चुके हैं, इसका ताजा उदाहरण जमशेदपुर में दिनदहाड़े क्षत्रिय करणी सेना के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह की हत्या है। इस निर्मम हत्या ने न सिर्फ राज्य की कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी उबाल ला दिया है।
राष्ट्र सेवा फाउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने इस घटना की घोर निंदा करते हुए इसे सुनियोजित और गहरी साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, “विनय सिंह की जिस प्रकार सरेआम गोली मारकर हत्या की गई, वह झारखंड में बेलगाम अपराधियों और लचर प्रशासन का प्रतीक बन गया है।”
सुनील सिंह ने यह भी कहा कि झारखंड में अब ना आमजन सुरक्षित हैं, ना खासजन। हाल के दिनों में भाजपा नेता अनिल महतो उर्फ अनिल टाइगर, आजसू नेता भूपल साहू और अब करणी सेना के शीर्ष पदाधिकारी की हत्या, राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन की नाकामी को उजागर करती है।
उन्होंने राज्य की गिरती कानून व्यवस्था को देखते हुए केंद्र सरकार से झारखंड में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा, “हेमंत सोरेन सरकार के शासन में हत्याएं, बलात्कार, डकैती, तस्करी, नशाखोरी जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। अपराधी निडर होकर शासन चला रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।”
सुनील कुमार सिंह ने चेतावनी दी:
“यदि विनय सिंह के हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए फांसी की सजा नहीं दी गई, तो क्षत्रिय समाज न सिर्फ झारखंड, बल्कि पूरे देश में उग्र आंदोलन के लिए विवश होगा। हम ईंट से ईंट बजाने की क्षमता रखते हैं।”
यह बयान राज्य की राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। सवाल यह है कि क्या झारखंड में आम नागरिक सुरक्षित हैं? और क्या अब वक्त नहीं आ गया है जब राज्य को राष्ट्रपति शासन की ओर मोड़ा जाए?
